Uttarakhand

स्कूल छूटा और अब घर में ही कैद हुई बेटी, कुमाऊं में हर महीने सामने आ रहे 45 रेप केस

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एक लड़की ने क्षेत्र में ही रहने वाले एक युवक पर छेड़छाड़ करने, पीछा करने और घर में घुसकर अभद्रता करने का आरोप लगाते हुए पुलिस से शिकायत की है। चिंता की बात है कि बेटियां हों या महिलाएं, हर महीने दुष्कर्म के औसतन 45 मामले सामने आ रहे हैं।

आरोप है कि युवक की इन हरकतों से तीन साल पहले युवती का स्कूल छूटा और अब दहशत में उसका घर से निकलना भी बंद हो गया है। हल्द्वानी के वनभूलपुरा थाना पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की है।

पुलिस को दी तहरीर में पीड़ित लड़की ने बताया कि उसके घर में वह, तीन बहनें, दो छोटे भाई और पिता रहते हैं। बताया कि पिछले कई सालों से क्षेत्र का ही युवक चंदन उसे शारीरिक और मानसिक रूप से परेशान कर रहा है।

लड़की के पिता ने बताया कि करीब तीन साल पहले उनकी बेटी स्कूल जाती थी। तब रास्ते में आरोपी उसका पीछा करते हुए छेड़छाड़ करता था। इसके चलते उन्हें बेटी की पढ़ाई मजबूरन बंद करानी पड़ी।

बताया कि जब इसकी शिकायत युवक के परिजनों से की तो उन्होंने समझाने की बात कहते हुए मामला टाल दिया। आरोप है कि इसके बाद भी युवक छेड़छाड़ और फब्तियां कसने की हरकतें करता रहा।

पीड़िता के अनुसार, बीती 12 अक्तूबर को आरोपी शाम के समय जबरन उसके घर में घुसा और अभद्रता करते हुए उसका का मुंह दबा दिया। आरोपी ने शोर मचाने पर जान से मारने तक की धमकी दी।

इस बीच छत से पिता नीचे पहुंचे तो आरोपी भाग गया। डरी-सहमी युवती अब घर में ही कैद रहने को मजबूर है। एसओ वनभूलपुरा नीरज भाकुनी ने बताया, मामले में मुकदमा दर्ज कर लिया है। जांच की जा रही है, जो भी तथ्य सामने आएंगे उनके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

हर माह 45 बेटियां हो रहीं दरिंदगी का शिकार

बेटियां हों या महिलाएं, हर महीने दुष्कर्म के औसतन 45 मामले सामने आ रहे हैं। अपराधियों के बढ़ते हौसलों के सामने पुलिस-प्रशासन के महिला सुरक्षा और सशक्तिकरण के दावे भी दम तोड़ रहे हैं।

एक जनवरी 2024 से 30 सितंबर तक कुमाऊं के कुल छह जिलों में दुष्कर्म के 271 मामले सामने आ चुके हैं। बीते वर्ष शुरुआती नौ माह में यह आंकड़ा 267 था। बीते वर्ष से ज्यादा दुष्कर्म के मामले पुलिस इस साल 30 सितंबर तक दर्ज कर चुकी है।

अन्य महिला अपराधों में कुमाऊं में इस साल अभी तक करीब 1500 मामले दर्ज हो चुके हैं। इनमें हत्या, दहेज हत्या, अपहरण, साइबर यौन अपराध की शिकायतें आदि शामिल हैं। पुलिस-प्रशासन स्कूल-कॉलेजों में पुलिस ऐप, गौराशक्ति ऐप, गौरा दीदी योजना, महिला हेल्पलाइन, पुलिस ऐप में मौजूद एसओएस बटन और उसकी महत्ता के बारे में जागरूक कर रहे हैं।

लेकिन अपराधी भी बेखौफ हैं। हर माह औसतन 45 किशोरी, युवती और महिलाएं दरिंदगी का शिकार हो रहे हैं। बीते नौ माह में सर्वाधिक 96 मामले यूएसनगर और 56 मामले नैनीताल जिले में दुष्कर्म के दर्ज हुए।

इन आंकड़ों का औसत बताता है, यूएसनगर में प्रति माह 10 और नैनीताल में 6 बेटियों से दरिंदगी के मामले आए हैं। पर्वतीय जिलों में इन नौ महीनों में अल्मोड़ा पुलिस ने 17, बागेश्वर में चार, चम्पावत में 22 और पिथौरागढ़ जिले में 16 मामले दुष्कर्म के दर्ज हुए हैं।



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