Uttarakhand

स्कूल की फीस के लिए नाबालिग बच्चों का लिया सहारा, पिता ने रची अपहरण की कहानी

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स्कूल की फीस माफ कराने के लिए एक पिता ने अपने ही नाबालिग बच्चों के अपहरण की फर्जी कहानी रच दी। हरकत में आई पथरी पुलिस ने चंद घंटों में पूरे मामले का पटाक्षेप करते हुए दोनों बच्चों को बुआ के घर से सकुशल बरामद कर लिया। 

स्थानीय पुलिस ने पिता को जमकर फटकार लगाई। पुलिस आरोपी के खिलाफ कार्रवाई करने की तैयारी में जुट गई है। मामला क्षेत्र के गांव धनपुरा से जुड़ा है। पेशे से हार्डवेयर कारोबारी मुनव्वर पुत्र रियासत ने शनिवार को स्थानीय पुलिस को सूचना दी कि उसके नाबालिग बेटा-बेटी एक प्राइवेट स्कूल में पढ़ते हैं। 

रोजाना की तरह आठवीं और छठीं कक्षा में पढ़ने वाला बेटा और बेटी स्कूल गए थे, लेकिन छुट्टी होने के बाद वापस लौटकर नहीं आए। आरोप लगाया कि उनका किसी ने अपहण कर लिया है। नाबालिग भाई-बहन के अपहरण की सूचना मिलने पर पुलिस के होश फाख्ता हो गए। 

फेरुपुर चौकी प्रभारी नवीन चौहान ने तुरंत ही पड़ताल शुरू कर दी। पुलिस टीम सबसे पहले स्कूल पहुंची तब सामने आया कि भाई-बहन स्कूल आए थे। पुलिस ने सीसीटीवी कैमरे खंगाले। उसके बाद आगे जांच बढ़ाते हुए पुलिस टीम कुछ दूरी पर गांव बसेड़ी में शिकायतकर्ता की बहन के घर पहुंची, जहां दोनों भाई-बहन सुरक्षित मिल गए।

पुलिस ने जब मासूम भाई-बहन से बातचीत कि तब उन्होंने बताया कि उन्हें उनके पिता ने स्कूल के बाद बुआ के घर जाने की बात कही थी। पुलिस का माथा ठनक गया। पुलिस ने तुरंत ही पिता को बुलाकर जब पूछताछ की तब पिता ने अपनी जुबान खोल दी। 

बताया कि उसके बच्चों की करीब एक लाख की फीस बकाया चल रही है। उसने स्कूल प्रबंधन पर फीस माफ कराने के लिए दबाव बनाने को लेकर बच्चों के अपहरण का झूठा प्लान बनाया था। उसे उम्मीद थी कि इस तरह की प्लानिंग से स्कूल प्रबंधन फीस माफ कर देगा। 

चौकी प्रभारी नवीन चौहान ने बताया कि इस संबंध में पिता के खिलाफ पुलिस ऐक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी। पुलिस टीम में कांस्टेबल संदीप राणा, जयपाल चौहान, मुकेश चौहान शामिल रहे।



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