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Uttarakhand

सीवरेज योजना की डीएम ने की समीक्षा, 13 हजार परिवारों को जल्द मिलेगा लाभ!

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सीवरेज योजना की डीएम ने की समीक्षा, 13 हजार परिवारों को जल्द मिलेगा लाभ!


Pithoragarh: नगर क्षेत्र की सीवरेज व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने की दिशा में एक अहम कदम उठाते हुए जिलाधिकारी विनोद गोस्वामी की अध्यक्षता में शनिवार को सीवरेज विस्तार योजना की प्रगति की समीक्षा हेतु एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक में पेयजल निर्माण निगम, उत्तराखंड जल संस्थान, नगर निगम और शहरी विकास विभाग के अधिकारी मौजूद रहे।

बैठक में अधीक्षण अभियंता इं. आर.एस. धर्मशक्तू ने विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि सीवरेज योजना फेज-1 के तहत ₹45.89 करोड़ की लागत से अब तक 49 किलोमीटर सीवरेज नेटवर्क और दो 6.25 एमएलडी (MLD) क्षमता के एसटीपी (STP) का निर्माण कर उन्हें चालू किया जा चुका है। इस परियोजना से अब तक 3,084 परिवारों को लाभान्वित किया गया है।

उन्होंने बताया कि उत्तराखंड जल संस्थान द्वारा 1,400 घरों के लिए 17 किमी तथा पेयजल निर्माण निगम द्वारा 1,684 घरों के लिए 32 किमी सीवरेज नेटवर्क का निर्माण किया गया है। वर्तमान में नगर के 5 वार्ड—बजेठी, न्यू बजेठी, खड़कोट, विवेकानंद एवं कुमौड़ वार्ड के लिए ₹6.02 करोड़ की लागत की तीन ब्रांच सीवरेज लाइन योजनाएं शासन को स्वीकृति के लिए भेजी गई हैं। इनसे 333 अतिरिक्त घरों को जोड़ने की योजना है।

इसके अतिरिक्त, ₹92.60 करोड़ की लागत से प्रस्तावित परियोजना शहरी विकास विभाग (UUSDA) द्वारा तैयार की गई है, जिसके तहत नगर के 20 वार्डों में 35 किलोमीटर नई सीवरेज लाइन तथा दो नए एसटीपी की स्थापना का प्रस्ताव केंद्र सरकार के आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय (MoHUA) को भेजा गया है।

जिन क्षेत्रों में भौगोलिक या संरचनात्मक कारणों से सीवर लाइन बिछाना संभव नहीं है, वहां के लिए ₹2.81 करोड़ की लागत से फीकल स्लज ट्रीटमेंट प्लांट (FSTP) योजना प्रस्तावित की गई है। इस योजना के अंतर्गत लगभग 10,000 घरों के सेप्टिक टैंक से निकलने वाले स्लज का सुरक्षित निस्तारण व उपचार किया जाएगा। इसके लिए 20 केएलडी (KLD) क्षमता का संयंत्र पेयजल निगम के माध्यम से निर्माणाधीन है।

जिलाधिकारी गोस्वामी ने अधिकारियों से परियोजनाओं की संभावित समाप्ति तिथि की जानकारी लेते हुए कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि नगरवासियों को शीघ्र ही एक सशक्त और व्यवस्थित सीवरेज प्रणाली उपलब्ध कराई जाए ताकि क्षेत्र में स्वच्छता और स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दों को प्रभावी ढंग से संबोधित किया जा सके।

बैठक में मुख्य विकास अधिकारी डॉ. दीपक सैनी, नगर निगम के अधिशासी अधिकारी समेत संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

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