Uttarakhand

सीडीओ डॉ. सैनी ने 16 अंतरराष्ट्रीय दर्रों की चढ़ाई पूरी कर रचा नया इतिहास l

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पिथौरागढ़: मुख्य विकास अधिकारी डॉ. दीपक सैनी ने प्रोजेक्ट-21 के दूसरे चरण के तहत पिथौरागढ़ और तिब्बत (चीन) की सीमा से जुड़े छह अंतरराष्ट्रीय दर्रों की साहसिक यात्रा सफलतापूर्वक पूरी कर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। अब तक दो चरणों में वे कुल 16 अंतरराष्ट्रीय और 5 आंतरिक दर्रों की चढ़ाई कर चुके हैं।

उत्तराखंड सरकार और पर्यटन विभाग के सहयोग से चल रहे प्रोजेक्ट-21 का उद्देश्य सीमांत क्षेत्रों में साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देना, स्थानीय ग्रामीणों की आजीविका सशक्त करना, सीमांत गांवों की समस्याओं को समझना और सेना तथा प्रशासन के बीच समन्वय मजबूत करना है।

द्वितीय चरण के दौरान डॉ. सैनी ने जौहार घाटी, व्यास घाटी और दारमा घाटी के प्रमुख दर्रों की चढ़ाई की। इस यात्रा में लगभग 250 किलोमीटर की पदयात्रा की गई, जिसमें औसतन 5500-5700 मीटर की ऊँचाई पर स्थित दर्रे पार किए गए। उन्होंने -3 से -6 डिग्री सेल्सियस तापमान, बर्फीले तूफान और खतरनाक रास्तों का सामना करते हुए भारतीय सेना और ITBP की मदद से सफलता प्राप्त की।

डॉ. सैनी ने भविष्य की योजनाओं में परी ताल को एक नया पर्यटन स्थल बनाने और सीमांत गांवों की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की बात कही। साथ ही, पिथौरागढ़ से गढ़वाल को जोड़ने वाली सड़क परियोजनाओं पर भी तेजी से काम चल रहा है, जिससे श्रद्धालुओं की यात्रा आसान होगी।

उन्होंने 1905 में लांग स्टाफ द्वारा बनाए गए 11 दर्रों के रिकॉर्ड को तोड़ने की जानकारी दी और अक्टूबर 2025 में त्रिकोणीय सीमा (भारत-तिब्बत-नेपाल) पर स्थित अंतरराष्ट्रीय दर्रे की चढ़ाई कर प्रोजेक्ट पूरा करने का संकल्प व्यक्त किया।

डॉ. सैनी ने उत्तराखंड सरकार, सेना, ITBP, कुमाऊँ कमिश्नर और जिला प्रशासन के सहयोग के लिए आभार जताया।



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