Uttarakhand
सिलक्यारा पहुंची एसजेवीएनएल की विशेषज्ञ टीम, पहले भी हिमाचल में टनल में फंसे मजदूरों को किया था रेस्क्यू।
उत्तरकाशी – हिमाचल के कीरतपुर-नैरचोक-मनाली फोर लेन हाईवे की सुरंग से मजदूरों को ऊपर से ड्रिल करके बचाने वाली एसजेवीएनएल की विशेषज्ञ टीम सिलक्यारा पहुंच चुकी है। उन्होंने कहा, निश्चित तौर पर मशीन सेटअप होने के दो से तीन दिन के भीतर करीब 90 मीटर डि्ल करके मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाल लेंगे।
वर्ष 2015 में कीरतपुर-मनाली हाईवे की सुरंग में भी हादसा होने के बाद दो मजदूर फंस गए थे। कंपनी के जीएम जसवंत कपूर ने बताया, उस हादसे में दो मजदूर फंसे थे। इन्हें बचाने के लिए एसजेवीएनएल ने डि्ल मशीन सुरंग के ऊपर लगाई थी, जिससे करीब 47 मीटर तक डि्ल करने के बाद वह मजदूरों तक पहुंच गए थे।
उन्होंने दोनों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया था। कपूर के मुताबिक, उन्होंने बैकअप के साथ तीन मशीन यहां मंगाई हैं। इस मशीन से 1.2 मीटर व्यास की डि्ल की जाएगी, जिससे आसानी से मजदूरों को बाहर निकाला जा सकेगा। बताया, मशीन ऊपर पहुंचने के बाद करीब 24 घंटे में सेट हो जाएंगी। इसके बाद उनसे काम शुरू होगा। दो से तीन दिन में वह 41 मजदूरों तक पहुंच जाएंगे।
सबसे बड़ी रन ऑफ द रीवर पावर टनल भी बनाई
एसजेवीएनएल को सुरंग बनाने में खास महारत हासिल है। कंपनी ने हिमाचल प्रदेश में 1500 मेगावाट क्षमता का नाथपा झाकड़ी जलविद्युत परियोजना बनाई है, जिसमें देश की सबसे लंबी 27.3 किलोमीटर सुरंग बनाई गई है। इस सुरंग का व्यास 10.15 मीटर है। कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि ये देश की सबसे लंबी सुरंग है।
नेपाल से आए एसजेवीएन कंपनी के विशेषज्ञ अनिल धीमान ने बताया कि हमारी एक मशीन सिलक्यारा पहुंच चुकी है। दूसरी मशीन दो वाहन से ला रहे हैं, जो चंबा के पास वाहन खराब होने की वजह से अटक गई थीं। देर रात पहुंच जाएगी। तीसरी भी आ रही है। हिमाचल में जिस तरह से मजदूरों को वर्टिकल डि्ल से बचाया गया था, वैसे ही यहां भी अभियान चलाया जाएगा।