Uttarakhand

सड़क न बनने से टूट रहे रिश्ते, अधेड़ उम्र तक कुंवारे रह गए युवा! Garikhet’s Road Crisis Effect Weddings

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नैनीताल। आज के दौर में जहां सड़कें विकास की रीढ़ मानी जाती हैं, वहीं नैनीताल जिले के गैरीखेत गांव में सड़क की कमी अब सामाजिक संकट का रूप ले चुकी है। महज़ 3 किलोमीटर दूर नैनीताल शहर से सटा यह गांव आज भी बुनियादी सुविधाओं से वंचित है—और इसका सबसे बड़ा खामियाजा यहां के युवाओं की अधूरी शादियों के रूप में सामने आ रहा है।

50 से अधिक युवक-युवतियां अब भी कुंवारे
गांव में सड़क न होने के कारण अब तक 50 से अधिक युवक-युवतियां शादी नहीं कर पाए हैं। बरसात हो या धूप—बारात लाने और ले जाने की कोई व्यवस्था नहीं। कई बार रिश्ते पक्के होने से पहले ही टूट जाते हैं। यहां तक कि लव मैरिज की कोशिशें भी इसी कारण अधूरी रह गई हैं।

“बारात नहीं आ सकती, तो शादी कैसे हो!”
ग्रामीणों का कहना है कि शादी केवल दो लोगों का नहीं, बल्कि पूरे गांव की प्रतिष्ठा होती है। जब बारात गांव तक नहीं पहुंच सकती, तो उन्हें शर्मिंदगी झेलनी पड़ती है। “जब तक सड़क नहीं बनेगी, न बेटी विदा होगी, न बारात आएगी,” एक बुजुर्ग ग्रामीण ने कहा।

प्रशासन ने केंद्र सरकार पर डाली जिम्मेदारी
मामले पर जिलाधिकारी वंदना सिंह ने बताया कि गांव में सड़क निर्माण के लिए सभी औपचारिकताएं पूरी की जा चुकी हैं। प्रस्ताव केंद्र सरकार के पास लंबित है और स्वीकृति मिलते ही निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा।

विकास से अब भी कोसों दूर गैरीखेत
नैनीताल शहर से महज़ कुछ किलोमीटर की दूरी पर स्थित गैरीखेत आज भी विकास की मुख्यधारा से कटा हुआ है। ग्रामीणों ने कई बार प्रशासन से सड़क की मांग की, मगर अब तक केवल आश्वासन ही मिले हैं।

गैरीखेत की कहानी हजारों गांवों की हकीकत
यह समस्या सिर्फ गैरीखेत की नहीं, बल्कि उन तमाम गांवों की है जहां आज भी सड़क जैसी बुनियादी सुविधाएं एक सपना बनी हुई हैं। स्वतंत्रता के 75 साल बाद भी अगर कोई गांव शादी जैसी सामाजिक व्यवस्था के लिए सड़क का मोहताज हो, तो यह एक गंभीर प्रशासनिक विफलता है।

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