Uttarakhand

शर्मनाक! हल्द्वानी में 480 स्थान बेटियों के लिए सुरक्षित नहीं, किस बात का आखिर इतना डर?

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महिला सुरक्षा के लिए गठित समिति की बैठक में बताया कि 33 स्थानों में स्कूली बालिकाओं के साथ कार्यशाला की है, जिसमें शहर के लगभग 480 स्थलों को बालिकाओं ने असुरक्षित बताया है। हल्द्वानी डीएम डीएम वंदना सिंह ने गुरुवार को कैंप कार्यालय में महिला सुरक्षा के लिए गठित समिति की बैठक ली। 

बताया गया, अब तक समिति ने 33 स्थानों में स्कूली बालिकाओं के साथ कार्यशाला की है, जिसमें शहर के लगभग 480 स्थलों को बालिकाओं ने असुरक्षित बताया है। डीएम ने उप नगर आयुक्त को 15 अक्तूबर तक इनका भौतिक सत्यापन पूरा करने के निर्देश दिए। 

सिटी मजिस्ट्रेट, पुलिस और परिवहन विभाग को यहां प्रवर्तन कार्रवाई करने के निर्देश दिए। डीएम ने कहा कि संवेदनशील स्थानों का सत्यापन करें। जिन स्थलों में स्ट्रीट लाइट नहीं है, वहां नगर निगम और उरेडा व्यवस्था करेंगे। यहां सीसीटीवी कैमरे भी लगाए जाएंगे। 

डीएम ने सीईओ को 10 दिनों के भीतर सभी कोचिंग सेंटर के लिए एसओपी तैयार करने को कहा। उप नगर आयुक्त तुषार सैनी ने बताया, 60 संवेदनशील स्थानों का सर्वे कर लिया है। बैठक में नगर आयुक्त विशाल मिश्रा, एसपी सिटी प्रकाश चंद्र, सिटी मजिस्ट्रेट एपी वाजपेयी, अपर निदेशक प्रशिक्षण ऋचा सिंह मौजूद रहे।

भीड़भाड़ वाली दुकानों को चिह्नित किया जाए

डीएम ने इन स्थलों में संदिग्ध लोगों एवं दुकानदारों को चिह्नित करने के निर्देश दिए, जिन दुकानों पर देर रात तक जमावड़ा लगता है। कहा कि कई दुकानों में सुबह से शाम तक लोग बेवजह बैठे रहते हैं। इनका चिह्नीकरण कर कार्रवाई की जाए। बच्चे बेझिझक अपनी पढ़ाई, ट्यूशन और कोचिंग में जा सकें।

रिंग रोड से ग्रामीणों को कम से कम नुकसान हो

डीएम ने गुरुवार को बैठक में रिंग रोड को लेकर ग्रामीणों को कम से कम नुकसान हो, इस पर चर्चा की। लोनिवि के अधिकारियों को पांचों विकल्पों को ध्यान में रखते हुए रिंग रोड का सर्वे करने के निर्देश दिए

। बैठक में बताया कि रिंग रोड की चौड़ाई 45 मीटर होने के कारण आबादी का अधिक हिस्सा प्रभावित हो रहा है। यह चौड़ाई 30 मीटर करने, सड़क के हिस्से को फॉरेस्ट फायर लाइन में शामिल करने आदि पर चर्चा की। 

उन्होंने ईई लोनिवि अशोक कुमार को प्रस्तावित पांचों विकल्पों के आधार पर एलाइनमेंट का तुलनात्मक विवरण प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। डीएम ने आरटीओ को बस अड्डे के लिए हाईकोर्ट में पैरवी करने के साथ एक से अधिक विकल्प ढूंढने के लिए निर्देशित किया।



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