Connect with us

Uttarakhand

विकासनगर में प्रवेश करने के साथ मैली होने लगती है यमुना नदी, नालों का सीधे नदी में गिरना बन रहा वजह।

Published

on

देहरादून – यमुना नदी उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के मैदानी क्षेत्र विकासनगर में प्रवेश करने के साथ मैली होने लगती है। कालसी (जौनसार) के हरिपुर में यमुना का जल गुणवत्ता के पैमाने पर इतना स्वच्छ है कि आप उसका आचमन कर सकते हैं, पर जैसे ही यमुना विकासनगर में प्रवेश करती है, तो नदी का जल केवल स्नान योग्य ही रह जाता है।

उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, उद्गम स्थल यमुनोत्री से लेकर कालसी के हरिपुर घाट तक यमुना नदी का जल ए श्रेणी (पीने योग्य) का है। वहीं, विकासनगर से यमुना के जल की गुणवत्ता बी श्रेणी (स्नान योग्य) की रह जाती है। इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि विकासनगर में कई गंदे नाले सीधे यमुना में गिरते हैं।

नमामि गंगे के तहत कालसी क्षेत्र के हरिपुर में यमुना तट के निर्माण की तैयारी शुरू हो गई है, लेकिन नदी को प्रदूषण मुक्त करने के लिए नालों की टेपिंग और एसटीपी प्लांट के निर्माण का खाका तैयार नहीं किया गया है। ऐसे में नए हरिपुर घाट से पवित्र नदी की सुंदरता तो बढ़ेगी, लेकिन उनकी निर्मलता पर लगा ग्रहण नहीं हटेगा।

यमुनोत्री से विकासनगर तक नदी के जल की गुणवत्ता

यमुनोत्री(उत्तरकाशी)             –    पीने योग्य
स्याना चट्टी(उत्तरकाशी)          –    पीने योग्य
बड़कोट (उत्तरकाशी)             –    पीने योग्य
लखवाड़                             –    पीने योग्य
कालसी हरिपुर                     –     पीने योग्य
विकासनगर                        –     नहाने योग्य

विकासनगर के एसडीएम विनोद कुमार ने बताया कि नदियों के जल की निर्मलता के लिए भारत सरकार और प्रदेश सरकार योजनाबद्ध ढंग से कार्य कर रही है। प्रयासों के अपेक्षित परिणाम भी आ रहे हैं। यमुना सहित तीन और नदियों की जिओ मैपिंग होनी है। इसके लिए गठित समिति में तहसीलदार को नामित किया गया है। निश्चित रूप से यमुना नदी की निर्मलता के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएंगे।

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement