Uttarakhand

लैंडस्लाइड की चपेट में आई बोलेरो, दो की दर्दनाक मौत, तीन घायल l

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केदारनाथ यात्रा में हादसारुद्रप्रयाग: उत्तराखंड की पवित्र धरती पर केदारनाथ यात्रा के दौरान सोमवार सुबह एक बार फिर एक दर्दनाक हादसा हुआ, जिसने कई परिवारों की खुशियां छीन लीं। सोनप्रयाग-मुनकटिया मार्ग के बीच एक बोलेरो वाहन पहाड़ी से गिरते विशाल बोल्डरों की चपेट में आ गया। हादसा इतना भीषण था कि दो लोगों की मौके पर ही जान चली गई, जबकि तीन अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए।

यह हादसा सोमवार सुबह करीब 7:15 बजे का बताया जा रहा है, जब उत्तरकाशी से 11 श्रद्धालु एक बोलेरो वाहन में सवार होकर गौरीकुंड की ओर जा रहे थे। जैसे ही वाहन मुनकटिया स्लाइडिंग जोन के पास पहुंचा, अचानक ऊपर से भारी पत्थर टूटकर सीधे वाहन पर आ गिरा। कुछ ही क्षणों में सब कुछ बदल गया — शांति चीख-पुकार में तब्दील हो गई।

स्थानीय लोगों और राहत दल ने तत्परता दिखाते हुए घायलों को बाहर निकाला और तुरंत सोनप्रयाग अस्पताल पहुंचाया। इनमें से दो घायलों की हालत गंभीर थी, जिन्हें प्राथमिक उपचार के बाद हायर सेंटर रेफर कर दिया गया है।

मृतकों की पहचान:

रीता (30 वर्ष) पत्नी उदय सिंह — निवासी सियालब, थाना बड़कोट, उत्तरकाशी

चंद्र सिंह (50 वर्ष) पुत्र कलम सिंह — निवासी सियालब, थाना बड़कोट, उत्तरकाशी

इन दोनों श्रद्धालुओं की मौके पर ही मौत हो गई। हादसे ने उनके परिवारों को गहरे शोक में डुबो दिया है।

घायलों का विवरण:

नवीन सिंह रावत (35 वर्ष) पुत्र जयेंद्र सिंह — गंभीर रूप से घायल

ममता (29 वर्ष) पत्नी चैन सिंह पवार — गंभीर रूप से घायल

प्रतिभा (25 वर्ष) पुत्री गिरवर सिंह — हल्की चोटें

तीनों ही घायल उत्तरकाशी जिले के सियालब गांव से हैं।

प्रशासन की प्रतिक्रिया:

जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने जानकारी दी कि हादसे की सूचना मिलते ही प्रशासन और पुलिस की टीम मौके पर पहुंची। शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है और घटना की जांच जारी है।

उन्होंने बताया कि यह क्षेत्र पहले से ही लैंडस्लाइड जोन के रूप में चिन्हित है, जहां यात्रा के दौरान विशेष सतर्कता की जरूरत होती है।

समाप्ति पर एक सोच:

केदारनाथ यात्रा को लेकर श्रद्धालुओं में अपार उत्साह होता है, लेकिन प्राकृतिक आपदाएं कब आ जाएं, कोई नहीं जानता। यह हादसा एक बार फिर इस बात की चेतावनी है कि पहाड़ी क्षेत्रों में यात्रा करते समय सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देनी चाहिए। प्रशासन को भी चाहिए कि ऐसे संवेदनशील स्थानों पर सुरक्षा इंतजामों को और पुख्ता करे।



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