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Uttarakhand

रिस्पना के फ्लड जोन में अतिक्रमण के खिलाफ बुलडाेजर ऐक्शन की लटकी तलवार, देहरादून में यह इलाके हैं शामिल

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रिस्पना के फ्लड जोन में अतिक्रमण के खिलाफ बुलडाेजर ऐक्शन की लटकी तलवार, देहरादून में यह इलाके हैं शामिल

एनजीटी ने मुख्य सचिव को रिस्पना नदी के फ्लड जोन में अतिक्रमण चिह्नित करने की प्रक्रिया दो माह के भीतर पूरी करने के निर्देश दिए हैं। देहरादून नगर निगम ने इस मामले पर पक्ष रखा। अब अगली सुनवाई 16 दिसंबर को होगी।

एनजीटी के आदेशानुसार, जिला प्रशासन रिस्पना नदी का फ्लड जोन घोषित कर चुका है। फ्लड जोन में रिस्पना के उद्गम शिखर फॉल से लेकर मोथरोवाला संगम स्थल नदी के दोनों तरफ के क्षेत्र को शामिल किया है।

फ्लड जोन का निर्धारण 25 साल और 100 साल के बाढ़ अनुमान के आधार पर तय किया गया है। अब इस दायरे में आने वाले भवन और अन्य निर्माण चिह्नित किए जाएंगे। अधिकारियों के मुताबिक बड़ी संख्या में नदी के दोनों किनारों पर बने मकानों पर कार्रवाई की तलवार लटक सकती है।

उधर, जिलाधिकारी सविन बंसल की ओर से इसकी अधिसूचना हाल ही में जारी कर दी गई है। लोगों से 60 दिन के भीतर आपत्ति मांगी गई है। नगर आयुक्त गौरव कुमार ने बताया कि एनजीटी के आदेश के मुताबिक संबंधित विभाग के स्तर से प्रक्रिया पूरी की जाएगी।

अवैध निर्माण दोबारा होने से रोकने की भी चुनौती

नगर निगम, एमडीडीए के स्तर से बेशक रिस्पना नदी के किनारे अवैध निर्माण को ध्वस्त करने का दावा किया जा रहा है, लेकिन कार्रवाई होने और नए निर्माण पर रोक के बावजूद अवैध निर्माण पर रोक लगाने की विभागों के सामने चुनौती है। निगम के वार्डों में की गई जीआईएस मैपिंग के आंकड़ों से पता चला है कि बस्तियों में बड़ी संख्या में मकान बढ़ गए हैं।

मास्टर प्लान में दिया ठोस कदम उठाने का सुझाव

मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण की ओर से वर्ष 2041 तक के लिए जो मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा है, उसमें नियोजन विभाग के अधिकारियों ने सुझाव दिया था कि रिस्पना नदी के किनारे जो मकान फ्लड जोन के दायरे में आ रहे हैं, उन्हें शिफ्ट किया जाना चाहिए। ताकि, भविष्य में कोई नुकसान नहीं हो और लोग सुरक्षित रहें।

बरसात खत्म होते ही शुरू हो जाती है ढिलाई

बरसात के दौरान रिस्पना नदी के किनारे रह रहे लोगों को काफी नुकसान उठाना पड़ता है। विभागों के स्तर से आपदा प्रभावित इलाकों में मकान खाली करवाए जाते हैं, लेकिन बरसात खत्म होते ही फिर से स्थिति खराब हो जाती है। हालात ऐसे हैं कि नदी पर बने पुल तक के नीचे लोग झुग्गी झोपड़ी बनाकर रह रहे हैं। ऐसे में अगली बरसात में उन्हें इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।

यह इलाके हैं शामिल

मकड़ैती, हतडीवाला, वीरगीरवाली, केरवान करनपुर, चालंग, ढाकपट्टी, तरलानागल, किशनपुर, धोरणखास, जाखन, चीड़ोवाली, कंडोली, अधोईवाला, धर्मपुर डालनवाला, धर्मपुर, अजबपुर, इंद्रपुर, केदारपुर, मोथरोवाला के रिस्पना से लगे इलाके फ्लड जोन घोषित किए गए हैं।



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