Uttarakhand

राज्य निर्वाचन आयोग ने निकाय चुनाव के खर्च सीमा में की बढ़ोतरी, मेयर अब खर्च कर सकेंगे 30 लाख।

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देहरादून – राज्य निर्वाचन आयोग ने आगामी निकाय चुनाव से पहले उम्मीदवारों के चुनावी खर्च की सीमा में वृद्धि की घोषणा की है। आयोग ने निगम के मेयर के लिए चुनावी खर्च की सीमा को 16 लाख से बढ़ाकर 30 लाख रुपये कर दी है। इसके अलावा, पालिकाध्यक्ष की खर्च सीमा को 6 लाख से बढ़ाकर 8 लाख रुपये, और नगर पंचायत अध्यक्ष की सीमा को 2 लाख से बढ़ाकर 3 लाख रुपये कर दिया गया है। हालांकि, जमानत राशि और नामांकन पत्र के मूल्य में कोई बदलाव नहीं किया गया है।

राज्य निर्वाचन आयुक्त सुशील कुमार ने अधिकतम निर्वाचन व्यय और उसकी लेखा परीक्षक आदेश 2024 जारी करते हुए स्पष्ट किया कि प्रत्याशियों के चुनावी खर्च पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी। प्रशासन द्वारा प्रत्याशियों के खर्च का निरीक्षण किया जाएगा और उनके खर्च का लेखा-जोखा जांचा जाएगा। चुनाव के दौरान व्यय प्रेक्षक भी विभिन्न क्षेत्रों का दौरा करेंगे। प्रत्याशियों को अपने चुनावी खर्च का पूरा ब्यौरा आयोग को उपलब्ध कराना होगा, जिसमें नामांकन पत्र का मूल्य, जमानत राशि, निर्वाचन घोषणा पत्र का खर्च, पोस्टर, हैंड बिल छपवाने और प्रचार सभाओं के खर्च सहित कई अन्य खर्चे शामिल हैं।

नगर निगमों में नई चुनावी खर्च सीमा

पदनाम                           पुरानी सीमा       नई सीमा 
मेयर (40 वार्ड तक)            16 लाख           20 लाख
मेयर (60 वार्ड तक)            16 लाख           25 लाख
मेयर (61 से अधिक वार्ड)      16 लाख           30 लाख
डिप्टी मेयर                       2 लाख             2 लाख
सभासद                           2 लाख             3 लाख

नगर पालिका परिषद में चुनाव खर्च सीमा

पदनाम                             पुरानी सीमा          नई सीमा
अध्यक्ष (10 वार्ड तक)            4 लाख               6 लाख
अध्यक्ष (10 से अधिक वार्ड)     6 लाख                8 लाख
सदस्य                              60 हजार              80 हजार

नगर पंचायतों में चुनाव खर्च सीमा

पदनाम                           पुरानी सीमा           नई सीमा
अध्यक्ष                            2 लाख                3 लाख
सदस्य                            30 हजार              50 हजार

आयोग के इस कदम से प्रत्याशियों को अपनी चुनावी तैयारियों को सुचारु रूप से पूरा करने में मदद मिलेगी, साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता बनी रहे।

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