देहरादून: राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेवानिवृत्त) से सोमवार को राजभवन में पुलिस महानिदेशक श्री दीपम सेठ ने शिष्टाचार भेंट की। इस दौरान उन्होंने उत्तरकाशी जनपद में आपदा प्रभावित क्षेत्रों में जारी खोज एवं बचाव अभियानों की विस्तृत जानकारी राज्यपाल को दी।
पुलिस महानिदेशक ने अवगत कराया कि प्रभावित क्षेत्रों में पुलिस बल के साथ-साथ एसडीआरएफ, अग्निशमन विभाग और पीएसी के कार्मिक तैनात हैं। ये सभी बल सेना, आईटीबीपी, बीआरओ, एनडीआरएफ और अन्य एजेंसियों के साथ समन्वय बनाकर युद्धस्तर पर राहत एवं बचाव कार्यों में जुटे हैं। उन्होंने बताया कि पुलिस मुख्यालय स्तर पर एक विशेष कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है, जहां से लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है। प्रतिदिन सभी संबंधित एजेंसियों से प्राप्त सूचनाओं के आधार पर सिचुएशन रिपोर्ट तैयार की जा रही है।
डीजीपी ने बताया कि राहत कार्यों की गति और सटीकता बढ़ाने के लिए कैडेवर डॉग्स, विक्टिम लोकेशन इक्विपमेंट और थर्मल इमेजिंग सिस्टम जैसी आधुनिक तकनीकों का प्रयोग किया जा रहा है। दुर्गम भौगोलिक परिस्थितियों, बाधित सड़क संपर्क, और निरंतर हो रही बारिश के बावजूद सभी एजेंसियां मिलकर सक्रिय रूप से कार्यरत हैं।
राज्यपाल ने इस अवसर पर आपदा राहत में लगे सभी सुरक्षा बलों और एजेंसियों को एकीकृत कमान प्रणाली के तहत समन्वित रूप से कार्य करने की अपेक्षा जताई। उन्होंने भारी वर्षा की संभावना को देखते हुए सभी जिलों में पुलिस, अग्निशमन और एसडीआरएफ की टीमों को अलर्ट मोड में रखने और पूरी सतर्कता के साथ कार्य करने के निर्देश दिए।
इसके साथ ही राज्यपाल ने सुझाव दिया कि कई मीटर गहरे मलबे को हटाने और बचाव कार्यों में तेजी लाने के लिए भू-वैज्ञानिकों की विशेषज्ञता का लाभ लिया जाए। उन्होंने निर्देश दिया कि बाढ़ संभावित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को समय रहते सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाए। साथ ही मौसम विभाग द्वारा जारी अलर्ट को सोशल मीडिया और अन्य संचार माध्यमों के जरिए अधिक से अधिक लोगों तक पहुँचाया जाए, ताकि जान-माल की हानि को न्यूनतम किया जा सके।
राज्यपाल ने राहत एवं बचाव कार्य में जुटे सभी अधिकारियों और कर्मचारियों की सराहना करते हुए कहा कि इस चुनौतीपूर्ण समय में सभी विभागों को समर्पण और संवेदनशीलता के साथ कार्य करना होगा।