Uttarakhand

राज्यपाल गुरमीत सिंह ने संविधान दिवस पर सभी अधिकारियों को संविधान के कर्तव्यों की दिलाई शपथ।

Published

on





देहरादून – राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने मंगलवार को राजभवन में संविधान दिवस की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को संविधान में निहित कर्तव्यों एवं दायित्वों की शपथ दिलाई। इस अवसर पर राज्यपाल ने संविधान की उद्देशिका का पाठन किया। आज ही के दिन, 1949 को भारत के लोगों ने भारत के संविधान को आत्मार्पित किया था।

राज्यपाल ने बाबा साहब डॉ. भीमराव आंबेडकर सहित संविधान के सभी निर्माताओं को नमन करते हुए कहा है कि संविधान भारतीय लोकतंत्र की आत्मा है और इसकी समस्त शक्तियों का स्रोत भी है। राज्यपाल ने कहा कि स्वतंत्र भारत के संविधान निर्माण के ऐतिहासिक कार्य में देश के अनेक महा मनीषियों के परिश्रम और महान विचारों की व्यापकता से एक लोक कल्याणकारी संविधान की मजबूत संरचना संभव हुई थी।

राज्यपाल ने कहा कि संविधान दिवस हम सब के लिए भारत के संविधान में निहित सच्चे आदर्शों, सुदृढ़ सिद्धान्तों और पवित्र कर्तव्यों के बोध को स्मरण करने का दिन है। उन्होंने कहा कि हमारा संविधान विश्व का सबसे बड़ा लिखित दस्तावेज है, जो एक राष्ट्र के रूप में हमारे लिए एक प्रकाश स्तंभ है। इसकी रोशनी में हमारा राष्ट्र और नागरिक भारत के स्वर्णिम भविष्य की संरचना कर रहे हैं।

राज्यपाल ने कहा कि संविधान दिवस के इस अवसर पर हमें हमारे संविधान निर्माताओं द्वारा जताए गए विश्वास को बनाए रखने के लिए संविधान में दिए गए कर्तव्यों के प्रति पूर्ण सचेत होना होगा। उन्होंने कहा कि प्रत्येक नागरिक को संविधान के अनुच्छेद 51(क) में निहित मौलिक कर्तव्यों का बोध करके उसी अनुसार आचरण करना होगा। संविधान निर्माताओं की इस भावना को अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए संविधान के मूल्यों और इसमें निहित मूल कर्तव्यों को पूर्णतः जीवन में उतारना होगा।

#ConstitutionDay #Governor #GurmeetSingh #Constitution #BabaSahebAmbedkar #Uttarakhand #DutyAndResponsibility #IndianDemocracy #ConstitutionalValues #NationBuilding #IndianConstitution






Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Exit mobile version