Uttarakhand

राज्यपाल गुरमीत सिंह ने लॉन्च किया ‘महिला सशक्तीकरण’ पॉडकास्ट, समानता और नारी नेतृत्व को बताया विकास का आधार

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देहरादून: उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेनि.) गुरमीत सिंह ने आज राजभवन में “महिला सशक्तीकरण: एक चेतना, एक संकल्प” विषय पर आधारित विशेष पॉडकास्ट का औपचारिक शुभारंभ किया। यह पॉडकास्ट राज्यपाल द्वारा चलाए जा रहे पाँच प्रमुख सामाजिक मिशनों में से एक, “महिला सशक्तीकरण मिशन” को समर्पित है।

राज्यपाल इससे पहले टेक्नोलॉजी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और लाइफस्टाइल जैसे आधुनिक विषयों पर भी पॉडकास्ट के ज़रिए विचार साझा कर चुके हैं। इस नए पॉडकास्ट में उन्होंने महिलाओं की ऐतिहासिक भूमिका, वर्तमान स्थिति और उनके सशक्तिकरण के प्रति अपने अनुभवों व दृष्टिकोण को प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया है।

“यह केवल एक डिजिटल पहल नहीं बल्कि सामाजिक चेतना का आह्वान है” लॉन्च के मौके पर राज्यपाल ने यह कहते हुए स्पष्ट किया कि यह प्रयास नारी सम्मान और समानता को जीवन के हर क्षेत्र में स्थापित करने की दिशा में एक मजबूत कदम है। उन्होंने कहा कि महिलाओं को केवल अधिकार देना पर्याप्त नहीं है, बल्कि उन्हें यह विश्वास दिलाना ज़रूरी है कि उनकी सोच, मेहनत और प्रतिभा पर समाज को पूरा भरोसा है।

राज्यपाल ने भारतीय संस्कृति में नारी की भूमिका को शक्ति, सृजन और करुणा का प्रतीक बताते हुए गार्गी, मैत्रेयी, रानी लक्ष्मीबाई और उत्तराखंड की वीरांगना तीलू रौतेली जैसी ऐतिहासिक महिलाओं के योगदान को श्रद्धापूर्वक याद किया।

उन्होंने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड में मातृशक्ति केवल परिवार नहीं, बल्कि समाज की सबसे सशक्त इकाई है। यहाँ की बेटियाँ शिक्षा, विज्ञान और खेल के क्षेत्र में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बना रही हैं।

राज्यपाल ने यह भी कहा कि विकसित भारत 2047 का सपना तभी साकार होगा, जब देश की आधी आबादी यानी मातृशक्ति को बराबर का स्थान और अवसर मिलेगा। उन्होंने आह्वान किया कि नारी सम्मान केवल भाषणों और पूजा-पाठ तक सीमित न रहे, बल्कि वह नीतियों, व्यवहार और सामाजिक सोच में भी स्पष्ट रूप से झलके।

अंत में, राज्यपाल ने यह सुनिश्चित करने पर बल दिया कि कोई भी बेटी शिक्षा, स्वास्थ्य या अवसर से वंचित न रहे और महिलाएं राष्ट्र निर्माण में नेतृत्वकारी भूमिका निभाएं। इस पॉडकास्ट के ज़रिए उन्होंने एक नई चेतना और संकल्प का बीज बोया है, जो समाज में बदलाव की एक सशक्त लहर ला सकता है।



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