Uttarakhand

राज्यपाल गुरमीत सिंह और CM योगी एक मंच पर, शिक्षा परिषद कार्यक्रम में छात्र सम्मान और विकसित भारत-2047 पर जोर

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देहरादून: राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने गोरखपुर में आज आयोजित महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के संस्थापक समारोह में बतौर मुख्य अतिथि भाग लिया। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहे। राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने विभिन्न प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को सम्मानित किया।

राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को किया सम्मानित

इस मौके पर राज्यपाल ने विद्यार्थियों, शिक्षकों और उपस्थित जनता को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि गोरखपुर केवल एक नगर नहीं, बल्कि भारत की आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और राष्ट्रीय चेतना का महत्वपूर्ण केंद्र है। साथ ही उन्होंने महायोगी गुरु गोरखनाथ जी की तपोभूमि और महान संत परंपरा की विरासत का उल्लेख करते हुए कहा कि ये भूमि सदियों से समाज-निर्माण, राष्ट्र धर्म और मानवीय उत्थान की प्रेरणा देती रही है।

राज्यपाल ने महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के वर्ष 1932 से अब तक की गौरवमयी शिक्षा यात्रा का उल्लेख करते हुए कहा कि इस परिषद ने पूर्वी उत्तर प्रदेश में शिक्षा, संस्कृति, चरित्र निर्माण और राष्ट्रवाद को नई दिशा प्रदान की है। आज इसका विस्तार प्राथमिक विद्यालय से विश्वविद्यालय तक व्यापक रूप में दिखाई देता है। उन्होंने महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय द्वारा आधुनिक विज्ञान और भारतीयताओं से प्रेरित शिक्षा के अद्वितीय प्रयासों की भी सराहना की।

युवाओं से विकसित भारत–2047 में नेतृत्व करने का आह्वान

राज्यपाल ने नई पीढ़ी से आह्वान किया कि वो विकसित भारत-2047 में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं। तकनीक, विज्ञान, AI, साइबर सुरक्षा, स्पेस और ग्रीन एनर्जी जैसे क्षेत्रों में देश का नेतृत्व करें और साथ ही भारत की संस्कृति, संवेदना और राष्ट्र प्रेम का भाव बनाए रखें। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत के वैश्विक उत्थान, वैज्ञानिक उपलब्धियों और संस्कृति के पुनर्स्थापन का उल्लेख करते हुए राज्यपाल ने कहा कि यह समय भारत की नई चेतना का युग है, जिसे युवा पीढ़ी आगे लेकर जाएगी।



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