Uttarakhand

राजभवन में आयोजित हुआ विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस कार्यक्रम , राज्यपाल ने उपभोक्ता अधिकारों की सुरक्षा पर दिया जोर…..

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 देहरादून : राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने शनिवार को राजभवन में विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस के अवसर पर भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) द्वारा आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने प्रत्येक व्यक्ति से अपने अधिकारों के प्रति सजग रहने की अपील की। उन्होंने कहा कि प्रत्येक नागरिक उपभोक्ता भी होता है, और उसे अपने अधिकारों, कर्तव्यों और दायित्वों के प्रति पूरी तरह से जागरूक रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि अपने अधिकारों के बारे में अज्ञानता शोषण का कारण बन सकती है इसलिए उपभोक्ताओं को अपने अधिकारों प्रति जागरूक रहना बहुत जरूरी है।

राज्यपाल ने कहा कि उपभोक्ता अधिकार दिवस का मुख्य उद्देश्य उपभोक्ताओं या ग्राहकों को उनके हितों के लिए बनाए गए उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम और उसके अंतर्गत आने वाले कानूनों के प्रति जागरूक करना है। उन्होंने कहा कि मिलावटी सामग्री का वितरण, अधिक दाम वसूलना, बिना मानक वस्तुओं की बिक्री, नाप-तौल में अनियमितता, गारंटी के बाद सर्विस प्रदान नहीं करने के अलावा ग्राहकों के प्रति होने वाले अपराधों को रोकने और उपभोक्ताओं की शिकायतों के निराकरण संबंधी जानकारी के लिए निरंतर जागरूकता अभियान चलाए जाने की आवश्यकता है।

उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि आज के डिजिटल युग में भारतीय मानक ब्यूरो ने अपनी प्रक्रियाओं को पूरी तरह डिजिटल बना दिया है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में ऑनलाइन शॉपिंग एक बड़े प्लेटफॉर्म के रूप में उभरकर सामने आया है। भारतीय मानक ब्यूरो इस दिशा में भी उपभोक्ताओं की शिकायतों का त्वरित निस्तारण करता है। बीआईएस द्वारा जारी किया गया ‘बीआईएस केयर ऐप’ उपभोक्ताओं के लिए एक बहुत ही सरल और प्रभावी टूल है।

राज्यपाल ने कहा कि भारतीय उत्पादों की गुणवत्ता को विश्व स्तर तक पहुंचाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि मानक और गुणवत्ता उत्कृष्ट होंगे, तभी हमारी वस्तुओं और उत्पादों की मांग बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि उपभोक्ताओं को भी उपभोग के लिए गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने सभी लोगों से उपभोक्ताओं के अधिकारों के संरक्षण के लिए ब्रांड एम्बेसडर बनने की अपील की। उन्होंने कहा कि हमें न केवल स्वयं जागरूक होना है, बल्कि अपने आस-पास के लोगों को भी उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना आवश्यक है।





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