Uttarakhand

रतन टाटा का सपना रह गया अधूरा, उत्तराखंड में करना चाहते थे यह काम

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देश के प्रमुख उद्योगपति रतन टाटा का उत्तराखंड से बेहद लगाव था और एक बार वे राज्य स्थापना दिवस पर मुख्यमंत्री आवास में आयोजित कार्यक्रम में शिरकत कर चुके हैं। यही नहीं रतन टाटा की ऊधमसिंहनगर में इलेक्ट्रॉनिक हब बनाने की ख्वाहिश भी थी, लेकिन उनके जीते जी यह सपना अधूरा रह गया।

Sneha Baluni लाइव हिन्दुस्तान, देहरादूनFri, 11 Oct 2024 05:22 AM
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देश के प्रमुख उद्योगपति रतन टाटा का उत्तराखंड से बेहद लगाव था और एक बार वे राज्य स्थापना दिवस पर मुख्यमंत्री आवास में आयोजित कार्यक्रम में शिरकत कर चुके हैं। यही नहीं रतन टाटा की ऊधमसिंहनगर में इलेक्ट्रॉनिक हब बनाने की ख्वाहिश भी थी, लेकिन उनके जीते जी यह सपना अधूरा रह गया। केंद्र सरकार ने इसी साल यूएसनगर में टाटा की इलेक्ट्रॉनिक सिटी का ऐलान किया था।

मुख्यमंत्री पुष्कर धामी और पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने उनके निधन पर गुरुवार को गहरा दुख जताते हुए श्रद्धांजलि दी। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि रतन टाटा ने देश की औद्योगिक प्रगति और सामाजिक विकास के लिए अपना संपूर्ण जीवन समर्पित किया। उनका दृष्टिकोण, समर्पण एवं व्यावसायिक कुशलता न केवल टाटा समूह को नई ऊंचाइयों तक ले गई, बल्कि राष्ट्र के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन किया।

उधर, डॉ. निशंक ने कहा कि रतन टाटा का उत्तराखंड से बेहद आत्मीय लगाव था। नैनो कार की लॉन्चिंग और उसके उत्पादन के लिए रतन टाटा का उत्तराखंड आना बना रहता था। वे नौ नवंबर 2010 में राज्य स्थापना दिवस पर देहरादून आए थे। निशंक बताते हैं कि साहित्य, कला, संगीत, योग और ध्यान में रतन टाटा की गहरी रुचि थी, जब उनसे पूछा कि इन सब के लिए समय निकाल लेते हैं तो रतन टाटा ने कहा कि काम के बाद बचा समय इन्हीं सब में बिताता हूं।

वहीं दूसरी ओर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने उद्योगपति रतन टाटा के निधन पर गहरा शोक जताया है। उन्होंने कहा कि देश के लिए उनका योगदान अतुलनीय बताया। कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष संगठन मथुरादत्त जोशी, महामंत्री नवीन जोशी आदि ने भी दुख जताया। बता दें कि टाटा ने बुधवार रात मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में अंतिम सांस ली। वह 86 वर्ष के थे। टाटा समूह को विश्व स्तर पर प्रसिद्धि दिलाने का श्रेय रतन टाटा को दिया जाता है।



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