Uttarakhand

मॉनसूनी भारी बारिश के साथ आई मुसीबत, पिथौरागढ़-घाट नेशनल हाईवे बंद होने पर 500 यात्रियों ने रोड पर काटी रात

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मॉनसूनी भारी बारिश में आसमान से आफत बरस रही है। भारी बारिश के बाद भूस्खलन और पहाड़ों से बड़े-बड़े बोल्डर गिरने हाईवे समेत कई सड़कें बंद हो गईं थीं। सड़कों के बंद होने से यात्रियों की मुसीबत भी बढ़ गई थी।

पिथौरागढ़-घाट हाईवे में सड़क बंद होने से करीब 500 यात्रियों को खुले आसमान के नीचे रात काटनी पड़ी। करीब तीन से चार घंटे आवाजाही सुचारु रहने के बाद दिल्ली बैंड के समीप फिर से पहाड़ी दरक गई और मार्ग बंद हो गया। 

इससे मैदानी क्षेत्रों से आ रहे सभी यात्री फंस गए। रातभर यात्री भूखे-प्यासे वाहनों में ही रहे। करीब 17 घंटे बाद सड़क खुली तब जाकर कहीं अगले दिन वह जिला मुख्यालय पहुंचे। पिथौरागढ़-घाट एनएच में स्थित दिल्ली बैंड इस मार्ग में बड़ी बाधा बन गया है।

दरअसल इस स्थान में आए दिन पहाड़ी से भूस्खलन हो रहा है। बीते गुरुवार शाम से बंद यह सड़क बीते रोज शाम को खुली तो लोगों ने राहत की सांस ली और मार्ग में फंसे लोग अपने-अपने गंतव्य को रवाना हुए। 

लेकिन देर शाम आठ बजे के करीब दिल्ली बैंड में एक बार फिर भूस्खलन हो गया और सड़क में भारी मात्रा में मलबा और बोल्डर गिर आया। इससे इस मार्ग में आवाजाही फिर से ठप हो गई। मार्ग बंद होने से दिल्ली, हल्द्वानी, देहरादून आदि शहरों से आ रहे कई वाहन फंस गए। 

यात्री बब्लू पांडेय, नर बहादुर सिंह, श्याम सिंह ने बताया मार्ग बंद हो जाने से चार रोडवेज बसों के साथ ही करीब 40 वाहनों की कतार घाट क्षेत्र में लग गई। अंधेरा होने और पहाड़ी से लगातार गिरते पत्थरों के कारण सड़क खुलने का काम नहीं हुआ। शुक्रवार को प्रशासन ने यहां मशीन भेजकर मलबा हटाने का काम शुरू किया। करीब 12बजे के आसपास सड़क खुली।

हाईवे बंद होने से वाया बेरीनाग गए यात्री

दिल्ली बैंड में सड़क बंद होने पर लोगों ने वाया बेरीनाग-सेराघाट का रूख किया। शुक्रवार को कई यात्री इस मार्ग से करीब 80 किमी अतिरिक्त यात्रा कर हल्द्वानी पहुंचे।

रात के अंधेरे में नापी ढाई किलो मीटर पैदल दूरी

पिथौरागढ़। घाट हाईवे में फंसें कई लोगों ने रात पैदल आवाजाही भी की। कुछ लोगों ने परिजनों से जिला मुख्यालय से दिल्ली बैंड से पहले तक वाहन बुलाए और फिर बंद सड़क पार कर वाहन से यहां पहुंचे। दीपिका ने बताया कि उनके साथी तीन अन्य लोगों ने रात में ही ढाई किमी दूरी पैदल तय की।

दिल्ली बैंड में मलबा आने आवाजाही बाधित हो गई थी। मलबा हटाकर आवाजाही सुचारू कराई गई।

भूपेंद्र महर, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी पिथौरागढ़।



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