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Uttarakhand

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने “पर्वतीय सांस्कृतिक संस्था” द्वारा आयोजित पांच दिवसीय महाकौथिक में किया प्रतिभाग।

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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने “पर्वतीय सांस्कृतिक संस्था” द्वारा आयोजित पांच दिवसीय महाकौथिक में किया प्रतिभाग।


नोएडा – मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को सेक्टर 21 नोएड़ा स्टेडियम, गौतमबुद्ध नगर में “पर्वतीय सांस्कृतिक संस्था” द्वारा आयोजित पांच दिवसीय महाकौथिक में भाग लिया। यह महाकौथिक पारंपरिक लोक कला, संस्कृति एवं हस्तशिल्प मेले के रूप में आयोजित किया गया था।

मुख्यमंत्री ने आयोजकों के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि संस्था के सदस्य अपने राज्य से दूर रहते हुए भी उत्तराखंड की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित और बढ़ावा देने का महत्वपूर्ण कार्य कर रहे हैं। इस आयोजन में विभिन्न स्टॉलों के माध्यम से उत्तराखंड के पारंपरिक हस्तशिल्प, जैविक उत्पाद, और पहाड़ी व्यंजन प्रदर्शित किए गए, जिन्हें दर्शक न केवल खरीद सकते थे, बल्कि उनके स्वाद का भी आनंद ले सकते थे।

मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड की लोक संस्कृति को अद्वितीय और गौरवशाली बताया और कहा कि यह हमारी पहचान है, चाहे हम किसी भी कोने में हों। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सांस्कृतिक विरासत को पुनर्जीवित करने और “लोकल फॉर वोकल” और “मेक इन इंडिया” जैसी पहलों के जरिए स्थानीय अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहित करने की बात भी की।

मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार ने विकास की दिशा में कई महत्वपूर्ण योजनाओं को सफलतापूर्वक लागू किया है, जिनसे राज्य में सड़क और रेल कनेक्टिविटी मजबूत हो रही है और पर्यटन को बढ़ावा मिल रहा है। इसके अलावा, उन्होंने राज्य के समग्र विकास के लिए इकॉनमी और इकोलॉजी के समन्वय को बढ़ावा देने का उल्लेख किया।

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि उत्तराखंड देश का पहला राज्य बनने जा रहा है, जो जनवरी 2025 से समान नागरिक संहिता (UCC) लागू करेगा। इसके अलावा, राज्य सरकार ने युवाओं के हित में प्रभावी नकल विरोधी कानून लागू किए हैं, जिससे हजारों युवाओं को सरकारी नौकरियों में सफलता मिली है।

मुख्यमंत्री ने सभी प्रवासी उत्तराखंडी नागरिकों से राज्य के विकास में योगदान देने का आह्वान किया और कहा कि उत्तराखंड की संस्कृति, परंपराएं और विरासत हमारी आत्मा का हिस्सा हैं, जिन्हें सशक्त रूप से जीवित रखना सरकार की प्राथमिकता है।

इस अवसर पर पर्वतीय सांस्कृतिक संस्था की संस्थापिका कल्पना चौहान, संयोजक राजेन्द्र चौहान, वरिष्ठ उपाध्यक्ष हरीश असवाल और बड़ी संख्या में प्रवासी उत्तराखंडी उपस्थित थे।

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