Uttarakhand
मिलावटखोरी के खिलाफ चला छापेमारी अभियान, पकड़ी गई नकली घी और मिल्क पाउडर की खेप
त्यौहारी सीजन के नजदीक आते ही मिलावटखोरी बढ़ जाती है। मावा, घी से लेकर दूध तक में मिलावट होती है जिस से लोगों के स्वास्थ्य पर विपरीत असर पड़ता है। त्योहारी सीजन को देखते हुए प्रदेशभर में मिलावटखोरों के खिलाफ खाद्य संरक्षा एंव औषधि प्रशासन विभाग यानि एफडीए का सघन अभियान जारी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने मिलावट करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के आदेश दिए हैं।
मिलावटखोरी के खिलाफ चला छापेमारी अभियान
स्वास्थ्य सचिव एवं आयुक्त, खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग, डॉ. आर. राजेश कुमार ने त्योहारी सीजन में अपर आयुक्त (खाद्य सुरक्षा) ताजबर सिंह जग्गी को निर्देशित किया है कि सभी जिलों में निरंतर निरीक्षण और छापेमारी अभियान चलाया जाए। राज्य के सीमावर्ती जिलों में भी विशेष सतर्कता बरती जा रही है ताकि बाहरी राज्यों से नकली और बिना मानक खाद्य सामग्री की आपूर्ति पर रोक लगाई जा सके।
विभागीय टीमें मोबाइल वैन के माध्यम से तेजी से सैंपलिंग कार्य कर रही हैं। डॉ. राजेश कुमार ने कहा कि प्रयोगशालाओं को निर्देश दिए गए हैं कि सैंपलों की जांच शीघ्रता से की जाए। जिससे दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई तुरंत सुनिश्चित हो सके।
अपर आयुक्त ताजबर जग्गी कर रहे हैं अभियान का नेतृत्व
अपर आयुक्त ताजबर सिंह जग्गी स्वयं विभिन्न जिलों में चल रहे छापेमारी अभियानों का नेतृत्व कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि देहरादून, हरिद्वार, उधमसिंह नगर और नैनीताल जिलों के साथ चारधाम यात्रा मार्गों व पर्यटन स्थलों पर विशेष निगरानी रखी जा रही है।
आयुक्त डॉ आर राजेश कुमार ने बताया कि मोबाइल फूड टेस्टिंग लैब्स लगातार बाजारों में जाकर मावा, खोया, पनीर, मिठाई और तेल जैसे उत्पादों की मौके पर जांच कर रही हैं। विभागीय टीमें प्रदेश के हर जिले, कस्बे और प्रमुख बाजारों में सैंपलिंग कर रही हैं ताकि हर उपभोक्ता तक सुरक्षित, शुद्ध और गुणवत्ता युक्त खाद्य पदार्थ पहुंच सकें।
पकड़ी गई नकली घी और मिल्क पाउडर की खेप
खाद्य सुरक्षा विभाग और पुलिस की संयुक्त टीम ने आज सुबह लगभग 5 बजे भगवानपुर के बालेकी युसुफपुर गांव में एक वाहन को रोककर जांच की। वाहन में बिना गुणवत्ता प्रमाणीकरण और स्वास्थ्य मानकों के पनीर सप्लाई की जा रही थी। जांच में ये भी पाया गया कि उत्पादों पर किसी प्रकार का एफएसएसएआई मानक अंकन या लेबलिंग नहीं थी, जो उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा है।
ऋषिकेश में भी खाद्य सुरक्षा विभाग ने बड़ी कार्रवाई देखने को मिली। यहां जब एक वाहन को रोककर जांच की गई तो उसमें से 5 क्विंटल क्रीम, 35 किलोग्राम घी और 50 किलोग्राम स्किम्ड मिल्क पाउडर सप्लाई करते हुए पाया गया। इन सभी उत्पादों के पास गुणवत्ता प्रमाण पत्र या अनुमोदन दस्तावेज नहीं थे। टीम ने मौके पर उत्पाद जब्त किए और नमूने जांच हेतु भेज दिए हैं। प्रारंभिक जांच में संभावना है कि ये उत्पाद अन्य राज्यों से अवैध रूप से लाए गए नकली उत्पाद हैं।