Uttarakhand

मातली में घरों में घुसा पानी, हाईवे बंद, लोग रातभर परेशान

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उत्तरकाशी: पहाड़ों में बारिश आम बात है, लेकिन जब ये बारिश कहर बन जाए, तो लोगों की रोज़मर्रा की ज़िंदगी थम सी जाती है। उत्तरकाशी जिले में बीती रात हुई मूसलाधार बारिश ने कुछ ऐसा ही मंजर दिखाया। मातली कस्बे में हालात इतने बिगड़े कि लोगों के घरों में पानी घुस गया, दुकानों में कीचड़ भर गया और बच्चों को लेकर लोग रात में ही सुरक्षित जगहों की ओर भागते दिखे।

जिले में गंगोत्री-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग समेत कुल 51 लिंक मोटर मार्ग बंद हो गए हैं। मातली में नाले के उफान पर आने से गंगोत्री हाईवे बंद हो गया, जिससे सड़क के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। लोग गाड़ियों में ही रात बिताने को मजबूर हो गए। “हम पूरी रात सो नहीं पाए, बच्चे रोते रहे”

मातली की एक स्थानीय महिला ने बताया कि रात को अचानक नाले का पानी घर में घुस आया। बच्चों को उठाकर जैसे-तैसे बाहर भागे। सब कुछ तबाह हो गया – कपड़े, बर्तन, राशन…सब पानी में बह गया।

कई घरों के साथ-साथ होटल, दुकानों और छोटी व्यवसायिक इकाइयों को भी भारी नुकसान हुआ है। सुबह जब पानी कुछ कम हुआ और लोग घरों में वापस आए, तो चारों तरफ सिर्फ़ कीचड़, बर्बादी और तबाही का दृश्य था।

प्रशासन पर अनदेखी के आरोप

ग्रामीणों का आरोप है कि रातभर जिला प्रशासन को फोन करते रहे, लेकिन कोई मदद नहीं मिली। न कोई अधिकारी आया, न कोई राहत टीम।
“हर साल यही होता है। हम चिल्लाते हैं, मगर सुनने वाला कोई नहीं होता,” – एक नाराज़ दुकानदार ने कहा।

आपदा प्रबंधन का बयान

इस पूरे मामले में आपदा प्रबंधन अधिकारी शार्दुल गुसाईं ने कहा कि मातली में गदेरा उफान पर आया था, जिससे पानी घरों में घुसा। हाईवे को खोल दिया गया है और गदेरे के उपचार की प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी।

धराली की आपदा के बाद और डरे हुए हैं लोग

गौर करने वाली बात है कि 5 अगस्त को उत्तरकाशी के धराली इलाके में आई आपदा ने अभी भी लोगों के दिलों में डर बैठा रखा है। वहां कई लोग लापता हैं, और मलबा हटाने का काम अभी भी जारी है।

धराली में अब भी 65 लोग लापता हैं, जिनमें 9 आर्मी के जवान और 24 नेपाली नागरिक शामिल हैं। सर्च ऑपरेशन जारी है, लेकिन भारी मलबा राहत कार्यों को धीमा कर रहा है



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