Uttarakhand

भू-कानून उल्लंघन के मामलों में सख्त कार्रवाई की तैयारी, अफसरों पर भी कसा जाएगा शिकंजा।

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देहरादून – जमींदारी विनाश एवं भूमि व्यवस्था अधिनियम के तहत राज्य से बाहर के लोगों को भूमि खरीदने में दी गई छूट के दुरुपयोग के मामलों में अब सिर्फ खरीदारों ही नहीं, बल्कि नियमों की अनदेखी कर खरीद की अनुमति और रजिस्ट्री करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों पर भी कार्रवाई की जाएगी। सरकार ऐसे जिम्मेदार अधिकारियों पर सख्त कदम उठाने की तैयारी कर रही है जिनकी लापरवाही के कारण भू-कानून की धज्जियां उड़ाई गईं।

नैनीताल और देहरादून में सबसे अधिक उल्लंघन

भू-कानून उल्लंघन के सबसे ज्यादा मामले नैनीताल और देहरादून जिले से सामने आए हैं। अब तक करीब 434 लोगों को उल्लंघन के मामले में नोटिस जारी किए गए हैं और 166 नोटिसों का वितरण किया जा चुका है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भू कानून उल्लंघन के मामलों में जांच के आदेश दिए थे, जिसके बाद मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने जिलाधिकारियों से विस्तृत रिपोर्ट मांगी थी। रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद सभी जिलाधिकारियों को आरोपियों पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए थे। इस समय करीब दो दर्जन मामलों में एफआईआर दर्ज करने की भी सूचना मिली है।

1500 मामलों में दी गई भूमि खरीद की अनुमति

राजस्व विभाग के सूत्रों के अनुसार, नवंबर तक करीब 1500 मामलों में भूमि खरीद की अनुमति दी गई है। इनमें से ज्यादातर मामलों में 250 वर्ग मीटर भूमि की खरीद को मंजूरी दी गई है। हरिद्वार जिले में सबसे अधिक 931 अनुमतियां दी गई हैं, जबकि अल्मोड़ा में 88, पौड़ी में 85, देहरादून में 62, टिहरी में 44 और बागेश्वर जिले में 22 अनुमतियां दी गईं। अन्य पर्वतीय जिलों में अनुमतियों की संख्या अपेक्षाकृत कम रही।

आगे की कार्रवाई

सचिव राजस्व एसएन पांडेय ने बताया कि भू कानून उल्लंघन के मामलों में कार्रवाई अभी भी जारी है। हालांकि, अब तक कितने मामलों में नोटिस जारी हुए हैं, इसकी पूरी जानकारी नहीं मिल पाई है। यदि अधिकारियों और कर्मचारियों की जानबूझकर की गई गलतियां पाई जाती हैं तो उन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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