Uttarakhand
भूस्खलन से आफत में आई जान, पिथौरागढ़ में हेली सेवा से पर्यटक रेस्क्यू; शवों को पैदल कंधों पर ढोया
उत्तराखंड के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में फंसे पर्यटकों को प्रशासन ने हेली से रेस्क्यू कर निकाला। रविवार को रतली, सिरखा और बूंदी हेलीपैड पर हेली ने 14 चक्कर लगाकर कुल 63 लोगों का रेस्क्यू किया, इनमें 46 पर्यटक शामिल हैं।
इधर, सड़क बंद होने की वजह से प्रशासन ने आगामी तीन-चार दिनों तक आदि कैलास दर्शन के लिए इनरलाइन पास जारी नहीं करने का निर्णय लिया है। चेन्नई, हैदराबाद, पंजाब सहित विभिन्न राज्यों से बीते दिनों 46 पर्यटक आदि कैलास दर्शन के लिए पहुंचे थे।
पर्यटकों की वापसी के दौरान आदि कैलास क्षेत्र को जोड़ने वाली तवाघाट-लिपुलेख सड़क में चेतुलधार आदि जगहों पर पहाड़ी से भूस्खलन हो गया। इससे कुछ पर्यटक खेला गांव में फंस गए, तो कुछ बूंदी में। इसकी सूचना पर प्रशासन ने हेली से रेस्क्यू अभियान चलाकर सभी को धारचूला पहुंचाया।
वरिष्ठ सहायक का शव 20 घंटे बाद मिला
मुनस्यारी-मिलम पैदल मार्ग में रड़गाड़ी के समीप मलबे से एक व्यक्ति का शव बरामद हुआ है। रविवार को रेस्क्यू के दौरान घटनास्थल से करीब 10 मीटर दूर गोरी नदी किनारे शव मिला। मृतक की पहचान चंद्र मोहन पांडे के तौर पर हुई, जो कलक्ट्रेट में वरिष्ठ सहायक पद पर तैनात थे।
हाईवे बंद होने से शवों को पैदल ढोकर लाए परिजन
सड़क हादसे में अपनों को खोने के बाद परिजन बंद सड़क के कारण उनके शवों को समय से घर भी नहीं पहुंचा सके। घाट हाईवे बंद होने से रात भर शव लेकर परिजन वाहन में बैठे रहे। सुबह होने पर उन्होंने शवों को पैदल कंधों में ढोकर बंद सड़क पार कराई और फिर जिला मुख्यालय से पहुंचे दूसरे वाहन से शव लेकर अपने-अपने घर पहुंचे। तब कहीं मृतक तीन लोगों का शुक्रवार रात हुए हादसे के बाद अंतिम संस्कार हो सका।
ऑलवेदर रोड बंद, टनकपुर जौलजीबी मार्ग भी नहीं खुला
कुमाऊं में बारिश से राहत के बाद भी सड़कें बंद होने से लोगों को आवाजाही में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। टनकपुर जौलजीबी पूर्णागिरि राज्यमार्ग पिछले तीन दिनों से बंद चल रहा है। वहीं ऑलवेदर रोड पिथौरागढ़ से घाट के बीच रविवार सुबह तीन घंटे खुलने के बाद दोपहर बाद फिर से बंद हो गई।