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भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने एशियाई खेलों में रचा इतिहास, जीता स्वर्ण किया पेरिस ओलंपिक के लिए क्वालिफाई…

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हांगझोऊ – एशियाई खेलों में भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने इतिहास रच दिया है। स्वर्ण पदक के मुकाबले में भारत ने 2018 के स्वर्ण पदक विजेता जापान को 5-1 से हरा दिया। इस जीत के साथ टीम इंडिया ने हॉकी में नौ साल बाद इन खेलों में स्वर्ण हासिल किया है। पिछली बार एशियाई खेलों में भारत ने 2014 इंचियोन एशियाई खेलों में स्वर्ण जीता था।

वहीं, 2023 और 2014 से पहले 1966 और 1998 के एशियाई खेलों में भी भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने स्वर्ण अपने नाम किया था। चार स्वर्ण के अलावा टीम इंडिया ने 1958, 1962, 1970, 1974, 1978, 1982, 1990, 1994, 2002 एशियाई खेलों में रजत जीता था, जबकि 1986, 2010 और 2018 एशियाई खेलों में कांस्य पर कब्जा जमाया था।

भारत ने जापान पर प्रभावी तरीके से जीत हासिल की है। भारत ने दूसरे क्वार्टर में पहला गोल किया। इसके बाद तीसरे क्वार्टर और चौथे क्वार्टर में भारत ने दो-दो गोल दागे। भारत की ओर से मनप्रीत सिंह (25वें मिनट), अमित रोहिदास (36वें मिनट), कप्तान हरमनप्रीत सिंह (32वें मिनट) और अभिषेक (48वें मिनट) में गोल दागे। जापान की ओर से एकमात्र गोल तनाका सेरेन ने किया।

मैच में क्या हुआ

हाफ-टाइम तक 1-0 से आगे था भारत
पहले क्वार्टर में दोनों टीमें कोई गोल नहीं कर पाईं। भारत को कुछ पेनल्टी कॉर्नर भी मिले, लेकिन गोल करने में नाकाम रही। दूसरे क्वार्टर में 25वें मिनट में भारत ने पहला गोल दागा। पूर्व कप्तान मनप्रीत सिंह ने रिवर्स हिट पर गोल किया और भारतीय टीम को 1-0 से आगे कर दिया। हाफ टाइम तक भारत ने जापान पर 1-0 की बढ़त हासिल कर ली थी।

तीसरे क्वार्टर में भारत ने दो गोल दागे
तीसरे क्वार्टर में 32वें मिनट में कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने पेनल्टी कॉर्नर पर ड्रैग फ्लिक से बेहतरीन गोल दागा। इससे भारत की बढ़त 2-0 की हो गई। इसके बाद 36वें मिनट में पेनल्टी कॉर्नर पर अमित रोहिदास ने पेनल्टी कॉर्नर पर ड्रैग फ्लिक से बेहतरीन गोल किया और भारत की बढ़त 3-0 की कर दी।

चौथे क्वार्टर में भी भारत के दो गोल
चौथे क्वार्टर में 48वें मिनट में अभिषेक ने फील्ड गोल किया और टीम इंडिया की बढ़त 4-0 की कर दी। इसके बाद 51वें मिनट में जापान के तनाका सेरेन ने पेनल्टी कॉर्नर पर ड्रैग फ्लिक से गोल दागा। इसके बाद 59वें मिनट में कप्तान हरमनप्रीत ने ड्रैग फ्लिक पर एक और शानदार गोल दागा और भारत की जीत लगभग निश्चित कर दी। इसके बाद दोनों टीमें कोई गोल नहीं कर सकीं। इस तरह टीम इंडिया ने 5-1 से मुकाबला जीतकर स्वर्ण पदक पर कब्जा जमाया।

पूल राउंड में भी भारत-जापान का हुआ था मुकाबला
दोनों टीमें पूल राउंड में भी आमने-सामने आई थीं। तब भारत ने जापान को 4-2 से हराया था। सेमीफाइनल में भारत ने दक्षिण कोरिया को 5-3 से और जापान ने चीन को 3-2 से हराया था। कांस्य पदक कोरिया ने जीता। तीसरे स्थान के लिए मैच में उसने चीन को 2-1 से हरा दिया।

2023 एशियाई खेलों में भारत का सफर
भारतीय टीम पूरे टूर्नामेंट में अजेय रही। भारतीय टीम एशियाई खेलों के मौजूदा संस्करण में शानदार फॉर्म में रही। उसने ग्रुप दौर में अपने सभी पांच मैच जीते थे। ग्रुप दौर में टीम इंडिया ने 58 गोल दागे थे। उसके खिलाफ सिर्फ पांच गोल हुए थे। सेमीफाइनल में भी भारत ने पांच गोल किए। हालांकि, दक्षिण कोरिया भी तीन गोल करने में सफल रहा। फाइनल में भारत ने पांच गोल दागे और उसके खिलाफ सिर्फ एक गोल हो सका। यानी पूरे टूर्नामेंट में भारत ने 68 गोल किए और उसके खिलाफ सिर्फ नौ गोल हुए। आइए देखते हैं एशियाई खेल 2023 में भारतीय पुरुष हॉकी टीम का सफर-

  • पहला मैच: उज्बेकिस्तान को 16-0 से हराया।
  • दूसरा मैच: सिंगापुर को 16-1 से परास्त किया।
  • तीसरा मैच: जापान को 4-2 से हराया।
  • चौथा मैच: पाकिस्तान को 10-2 से शिकस्त दी।
  • पांचवां मैच: बांग्लादेश को 12-0 से हराया।
  • सेमीफाइनलः दक्षिण कोरिया को 5-3 से हराया।
  • फाइनल: 2018 एशियाड के चैंपियन जापान को 5-1 से हराया।

एशियाई खेलों में जापान का सफर
वहीं, जापान की टीम को पूल राउंड में सिर्फ एक मैच भारत के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा था। इसके अलावा उसने बांग्लादेश को 7-2, उज्बेकिस्तान को 10-1, सिंगापुर को 14-0 और पाकिस्तान को 3-2 से शिकस्त दी थी। सेमीफाइनल में चीन को हराकर जापान ने फाइनल में जगह बनाई थी। अब उसे फाइनल में भी हार का सामना करना पड़ा है। जापान ने 2018 एशियाई खेलों में स्वर्ण के अलावा 1966 और 1970 बैंकॉक एशियाई खेलों में कांस्य पदक पर कब्जा जमाया था।

37 बार आमने-सामने आए भारत-जापान
भारत और जापान अब तक कुल 37 बार आमने-सामने आ चुके हैं। इनमें से टीम इंडिया ने 30 और जापान ने तीन मुकाबले जीते हैं। चार मैच ड्रॉ रहे हैं। एशियाई खेलों में यह भारत का 13वां फाइनल था और उसने इसमें से चार जीते हैं और नौ में उसे हार का सामना करना पड़ा है।

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