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Uttarakhand

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग बद्रीनाथ मंदिर की वर्षों पुरानी दरारों का कर रहा ट्रीटमेंट: बीकेटीसी

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चमोली/बद्रीनाथ – बदरीनाथ मंदिर के सिंहद्वार में वर्षों पहले आईं हल्की दरारों का ट्रीटमेंट का कार्य भारतीय सर्वेक्षण विभाग कर रहा है। पहले चरण में सिंहद्वार के दाईं ओर की दरारों का ट्रीटमेंट किया जा चुका है। फिलहाल सिंहद्वार में कोई नहीं दरार नहीं देखी गई है।

उपरोक्त बात बृहस्पतिवार को बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने कही। उन्होंने स्पष्ट किया कि मंदिर के सिंहद्वार में कहीं भी कोई नई दरारें नहीं देखी गईं और न ही बदरीनाथ मंदिर क्षेत्र में भू-धंसाव हो रहा है। बीकेटीसी अध्यक्ष ने कहा, वर्ष 2022 में शासन को पत्र लिखकर बदरीनाथ मंदिर के सिंहद्वार पर आईं हल्की दरारों के बारे में अवगत कराया गया था।

दरारों में खास बदलाव नहीं आंका गया
बताया, इसके बाद शासन ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआई) को इस संबंध में विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने को कहा। जुलाई 2022 में एएसआई ने मरम्मत की कार्य योजना तैयार की थी। अक्तूबर 2022 को एएसआई ने सिंहद्वार की दरारों पर ग्लास टायल्स (शीशे की स्केलनुमा पत्तियां) फिक्स कर दी थीं, जिससे यह पता लग सके की दरारें कितनी चौड़ी हुई हैं।

बताया, इसी साल नौ अगस्त को ग्लास टायल्स के अध्ययन के बाद एएसआई ने ट्रीटमेंट कार्य शुरू किया था। तब दरारों में खास बदलाव नहीं आंका गया। कहा, सिंहद्वार में हल्की दरारें वर्षों पुरानी है, जिसका एएसआई ट्रीटमेंट कर रही है। बताया, दूसरे चरण में सिंहद्वार के बाईं ओर की दरारों पर ट्रीटमेंट प्रस्तावित है। वर्तमान में मंदिर परिसर क्षेत्र में किसी तरह का कोई भू-धंसाव नहीं हो रहा है।

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