Uttarakhand
बिजली की मांग ने तोड़े पिछले साल के रिकॉर्ड, मांग पहुंची 6.1 करोड़ यूनिट, यूपीसीएल ने शुरू की वैकल्पिक व्यवस्था….

देहरादून : उत्तराखंड में भीषण गर्मी और उमस ने बिजली की मांग को रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा दिया है। बुधवार को प्रदेश में बिजली की मांग 6.1 करोड़ यूनिट से पार हो गई, जो अब तक की सबसे ऊंची मांग में से एक है। इस बढ़ती मांग ने उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (UPCL) की व्यवस्थाओं पर भारी दबाव डाला है।
ओवरलोड की वजह से राज्य के कई हिस्सों में आपूर्ति बाधित रही। देहरादून, हरिद्वार और रामनगर समेत सात प्रमुख सब स्टेशनों में मंगलवार को घंटों बिजली आपूर्ति प्रभावित रही। सबसे लंबी कटौती रामनगर में दो घंटे 32 मिनट की दर्ज की गई। हालांकि यूपीसीएल ने स्पष्ट किया है कि फिलहाल किसी भी क्षेत्र में घोषित पावर कट नहीं किया जा रहा है।
बढ़ती मांग को देखते हुए यूपीसीएल ने काशीपुर स्थित 321 मेगावाट क्षमता वाला गैस आधारित बिजली संयंत्र भी चालू कर दिया है। प्लांट के लिए आवश्यक गैस पहले ही खरीदी जा चुकी थी और आपात स्थिति के लिए आरक्षित रखी गई थी। साथ ही, यूपीसीएल प्रतिदिन बिजली बाजार से लगभग 40 लाख यूनिट बिजली की खरीद भी कर रहा है ताकि मांग को पूरा किया जा सके।
इस बीच, उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड (यूजेवीएनएल) की 21 जलविद्युत परियोजनाओं का उत्पादन भी गर्मियों में बढ़कर लगभग दो करोड़ यूनिट प्रतिदिन तक पहुंच गया है। ग्लेशियरों के पिघलने और हालिया बारिश के चलते जलस्तर में वृद्धि से उत्पादन में सुधार हुआ है, जिससे बिजली संकट में कुछ हद तक राहत मिली है।
गौरतलब है कि वर्ष 2023 में भी जून के महीने में मांग 6.2 करोड़ यूनिट तक पहुंची थी, लेकिन उससे पहले के चार वर्षों में जून में कभी भी मांग 5.5 करोड़ यूनिट से अधिक नहीं गई थी। इस साल फिर से दोहराए जा रहे ये आंकड़े दिखाते हैं कि बढ़ती गर्मी के साथ प्रदेश को ऊर्जा संकट से निपटने की चुनौती और गंभीर होती जा रही है।