Uttarakhand

बाहुबली राजा भैया की पत्नी भानवी सिंह को बड़ा झटका, उत्तराखंड सरकार ने जब्त की करोड़ों की जमीन

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राजा भैया के साथ विवादों को लेकर चर्चा में चल रहीं उनकी पत्नी भानवी सिंह को उत्तराखंड की सरकार ने बड़ा झटका दिया है। नैनीताल में खरीदी गई करोड़ों की जमीन को सरकार ने जब्त कर लिया गया है।

Yogesh Yadav नैनीताल वार्ताFri, 11 Oct 2024 02:14 PM
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राजा भैया के साथ विवादों को लेकर चर्चा में चल रहीं उनकी पत्नी भानवी सिंह को उत्तराखंड की सरकार ने बड़ा झटका दिया है। नैनीताल में खरीदी गई करोड़ों की जमीन को सरकार ने जब्त कर लिया गया है। नैनीताल जिला प्रशासन ने शुक्रवार को भूमि पर अपना कब्जा ले लिया। कैंची धाम के उपजिलाधिकारी विपिन चंद्र पंत के अनुसार राजा भैया की पत्नी भानवी सिंह ने कैंची धामी (कौश्याकुटौली) तहसील के सिलटौना गांव में वर्ष 2006 में .555 हेक्टेयर (27 नाली) कृषि भूमि खरीदी थी।

उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सख्त भू-कानून के तहत यह एक्शन हुआ है। शर्तों के अनुसार भूमि का उपयोग कृषि और औद्यानिकी गतिविधियों के लिये किया जाना था। आरोप है कि 17 साल बाद भी वास्तविक भू उपयोग नहीं किया गया। इसके बाद स्थानीय प्रशासन की ओर से भूमि को सरकारी कब्जे में लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई थी।

भानवी सिंह की ओर से इस कदम को कमिश्नर कोर्ट और उत्तराखंड राजस्व बोर्ड में चुनौती दी गयी। दोनों जगहों से वह लड़ाई हार गयीं। इसके बाद स्थानीय प्रशासन ने इसी साल जून में जमीन को सरकारी कब्जे में लेने की प्रक्रिया तेज कर दी। एसडीएम पंत के अनुसार प्रक्रिया पूरी करने के बाद भूमि पर राजस्व विभाग ने अपना कब्जा ले लिया है।

सरकार के सख्त भू-कानून की उद्घोषणा के बाद नैनीताल जिले में पहला ऐसा मामला है जिसमें शर्तों का उल्लंघन करने पर भूमि को सरकारी कब्जे में लिया गया है।

धामी सरकार ने प्रदेश में सख्त भू कानून लाने की घोषणा की है। इसी के तहत उन्होंने जिलों में प्रशासन को ऐसे भूमि की की जांच करने के निर्देश दिये हैं जिन्होंने भूमि का प्रयोजन बदल दिया है या फिर जिन्होंने शर्तों का उल्लंघन किया है।

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की ओर से भी सभी जिलाधिकारियों को इस मामले में सख्त निर्देश जारी किये गये हैं। हाल ही में नैनीताल दौरे पर भी मुख्य सचिव ने नैनीताल प्रशासनिक अकादमी (एटीआई) में अधिकारियों के साथ इस मामले में बैठकर आवश्यक निर्देश दिये और भू-कानून को लेकर सुझाव भी मांगे।



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