Uttarakhand

बारिश के साथ बढ़े संक्रमण, दून अस्पताल में रिकॉर्ड संख्या में पहुंच रहे मरीजl

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देहरादून: देहरादून में मानसून के दस्तक देते ही जलजनित बीमारियों ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है। राजकीय दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय में टायफाइड, कॉलरा, वायरल बुखार और पेट के संक्रमण से पीड़ित मरीजों की संख्या में तेज़ी से इजाफा हुआ है। मेडिसिन ओपीडी में रोज़ाना 500 से 600 मरीज पहुंच रहे हैं, जिनमें से अधिकांश दूषित पानी पीने से संक्रमित हैं।

दून अस्पताल के पूर्व मेडिकल सुपरिंटेंडेंट और वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. केसी पंत ने बताया कि बरसात के चलते अस्पताल में टायफाइड, कॉलरा, जीआर्डिया और पेट की अन्य बीमारियों के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस मौसम में वायरल बुखार और पाचन संबंधी समस्याएं आम हो गई हैं, खासकर उन मरीजों में जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर है।

डॉ. पंत ने बताया कि मानसून में पानी जमा होने से मच्छरजनित रोगों, जैसे डेंगू और चिकनगुनिया का खतरा भी बढ़ गया है। दून अस्पताल में इन बीमारियों को लेकर सतर्कता बरती जा रही है। मेडिसिन ओपीडी में वायरल संक्रमण और सांस की तकलीफ से जूझ रहे मरीजों की संख्या में भी इजाफा देखा जा रहा है। जांच में यह बात सामने आई है कि मधुमेह और उच्च रक्तचाप के पुराने मरीजों में जलजनित संक्रमण तेजी से फैल रहा है। ऐसे गंभीर रोगियों को इमरजेंसी में भर्ती कर इलाज किया जा रहा है, जबकि बाकी को आवश्यक परामर्श देकर घर भेजा जा रहा है।

डॉ. पंत ने यह भी कहा कि डेंगू के प्रति लोगों को जागरूक किया जा रहा है। उन्हें सलाह दी जा रही है कि दिन में पूरे कपड़े पहनकर बाहर निकलें और घर के आसपास पानी जमा न होने दें। अगर किसी को बुखार हो तो तुरंत सरकारी अस्पताल जाकर निशुल्क जांच कराएं। गंभीर लक्षण पाए जाने पर मरीज को भर्ती कर समुचित इलाज किया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि रोज़ाना 3,000 से अधिक मरीज दून अस्पताल की ओपीडी में पहुंच रहे हैं। हालांकि पहाड़ी जिलों से आने वाले मरीजों की संख्या सड़क मार्गों के अवरुद्ध होने के कारण थोड़ी घटी है, लेकिन देहरादून व आसपास के इलाकों से बड़ी संख्या में मरीज इलाज के लिए अस्पताल का रुख कर रहे हैं। दूर-दराज से आने वाले मरीजों को डॉक्टर 15 दिनों की दवा दे रहे हैं, ताकि बार-बार अस्पताल न आना पड़े।

 



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