Uttarakhand

बाघों की जान के दुश्मन बने शिकारी, शिकारियों के चंगुल में फंसी बाघिन हुई बुरी तरह घायल, पेट में धंसा मिला तार का फंदा।

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देहरादून – विश्व प्रसिद्ध कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में तमाम सुरक्षा उपायों के बाद भी शिकारी बाघों की जान के दुश्मन बने हैं। ऐसा ही एक मामला सामने आया, जिसमें शिकारियों ने एक बाघिन को फंदे में फंसा लिया। खुशकिस्मती से बाघिन बच निकली, लेकिन उसकी जान अब भी खतरे से बाहर नहीं है।

बाघिन के शरीर में तार (स्नेयर) धंसा हुआ है। इस घटना से पूरे वन महकमे में हड़कंप मचा हुआ है। इधर, प्रमुख वन संरक्षक अनूप मलिक की ओर से पूरे मामले की स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराने के निर्देश दिए गए हैं।

कॉर्बेट में भी बाघों की जान को बना खतरा

नैनीताल के रामनगर में स्थित कॉर्बेट टाइगर रिजर्व दुनिया में बाघों के स्वच्छंद विचरण के लिए जाना जाता है। लेकिन, यहां भी इनकी जान को खतरा बना हुआ है। कॉर्बेट प्रशासन ने करीब 20 दिन पहले कालागढ़ रेंज में एक बाघिन को ट्रेंकुलाइज कर रेस्क्यू किया है।

बाघिन की उम्र सात से आठ साल बताई जा रही है। बाघिन शिकारियों के फंदे में फंस गई थी, लेकिन किसी तरह वह आजाद हो गई। उसके शरीर में पेट वाले हिस्से में तार अब भी भीतर तक धंसा हुआ है। पार्क प्रशासन की ओर से बाघिन को पकड़कर इलाज किया जा रहा है। चिकित्सकों की देखरेख में इस समय बाघिन ढेला स्थित रेस्क्यू सेंटर में है।

बाघिन के शरीर में धंसे तार को निकालने के लिए उसकी सर्जरी होनी है, लेकिन कॉर्बेट प्रशासन अभी तक इस बारे में कोई फैसला नहीं ले पाया है। अमर उजाला के हाथ लगी बाघिन की तस्वीर में साफ दिखाई दे रहा है कि वह बुरी तरह से घायल है। कॉर्बेट टाइगर रिजर्व प्रशासन ने शिकार की मंसा से इनकार नहीं किया है, लेकिन इसे कॉर्बेट के बाहर बिजनौर (यूपी) के आसपास की घटना बताया है।

कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के निदेशक धीरज पांडेय ने कहा कि हमने बाघिन को सफलतापूर्वक बचा लिया। फिलहाल वह रेस्क्यू सेंटर में चिकित्सकों की देखरेख में है। बाघिन को कुछ दिन पहले ही कैमरा ट्रैप किया गया था। उसके शरीर में एक पुराना तार बुरी तरह से धंसा हुआ है, चिकित्सक बाघिन की सर्जरी पर विचार कर रहे हैं।

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