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Uttarakhand

बांग्लादेश में छपाई, पश्चिम बंगाल के रास्ते उत्तराखंड तक सप्लाई, नकली नोटों के साथ 6 गिरफ्तार

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बांग्लादेश में छपाई, पश्चिम बंगाल के रास्ते उत्तराखंड तक सप्लाई, नकली नोटों के साथ 6 गिरफ्तार

उत्तराखंड और यूपी में खपाने के लिए 3.07 लाख की नकली करेंसी पश्चिम बंगाल से ट्रेन के जरिए बरेली और लालकुआं पहुंची थी। हालांकि इनकी छपाई बांग्लादेश में हो रही थी। उत्तराखंड में नकली नोट सप्लाई करने के खेल का नैनीताल पुलिस ने पर्दाफाश किया है।

पुलिस ने छह लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। एसएसपी पीएन मीणा ने बताया कि सात आरोपियों से पूछताछ में पता चला बरेली निवासी आसिफ अंसारी उर्फ आशिक रजा और सय्यद मौज्जम प.बंगाल से नकली नोट लाते थे।

यहां वह लालकुआं निवासी अली मोहम्मद, सर्राफ शिवम वर्मा और विनोद को खपाने के लिए देते थे। बैंक शाखा से हुई आरोपियों की धरपकड़ शुरू सर्राफ की गिरफ्तारी के बाद छानबीन में पता चला, उसके नाम से एक करंट अकाउंट प्राइवेट बैंक में है।

वहीं दूसरा सुराग हाथ तब लगा जब पुलिस को यह पता चला कि उसका करंट अकाउंट साइबर पुलिस ने सीज करा दिया है। इसके बाद पुलिस की निगरानी और बढ़ गई। 13 अक्तूबर को जब सर्राफ के दो साथी बैंक खाता सीज होने की जानकारी करने बैंक पहुंचे तभी पुलिस ने उन्हें दबोच लिया।

इसके बाद उन्हीं की निशानदेही पर बाकी आरोपियों तक पुलिस पहुंची।लालकुआं कोतवाल डीआर वर्मा, एसएसआई हरेन्द्र सिंह नेगी, एसएसआई दीपक सिंह बिष्ट, बिंदुखत्ता चौकी प्रभारी सोमेन्द्र सिंह, हल्दूचौड़ चौकी प्रभारी गौरव जोशी, थे। एसएसपी प्रह्लाद नारायण मीणा ने इस पुलिस टीम को 2500 रुपये के नकद इनाम की घोषणा की है।

जांच में कई बातें सामने आई हैं। इसकी विस्तृत रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को भेज दी गई है। साइबर फ्रॉड के तथ्य को लेकर जांच चल रही है। अभी कई अहम तथ्य सामने आने बाकी हैं, जल्द ही और खुलासा किया जाएगा। -प्रह्लाद नारायण मीणा, एसएसपी, नैनीताल

सीरीज नंबर के अलावा बाकी सब असली जैसा

प.बंगाल से लाकर खपाई जा रही नकली करेंसी को पहचान पाना बेहद मुश्किल था। यहां तक कि एक बार तो बैंक कर्मी भी चकरा गए। आम जनता के लिए यह नामुमकिन था। वहीं जब्त किए गए लाखों के नकली नोटों पर दर्ज सीरियल नंबर एक ही था। जब पुलिस और बैंक की नजर इस पर पड़ी, तब पहचान पुख्ता हुई।

50 हजार असली में डेढ़ लाख की नकली करेंसी

बरेली निवासी दोनों आरोपीलंबे समय से धंधे लिप्त थे। ये एक लाख के एवज में10 हजार कमीशन लेते थे। नकली करेंसी के एक-तिहाई असली नोट देकर नकली की खेप लाते। इसे ऐसे समझें, पश्चिम बंगाल से डेढ़ लाख रुपये की नकली करेंसी लाने के लिए 50 हजार रुपये की असली रकम आरोपियों को देनी पड़ती थी।

पश्चिम बंगाल से लाते थे नकली करेंसी

एसएसपी ने बताया, आरोपी प.बंगाल के मालदा से नकली करेंसी लाकर उत्तराखंड और यूपी समेत अन्य राज्यों में खपाते थे। सर्राफ शिवम, आरोपी आसिफ अंसारी और सय्यद मौज्जम अली गिरोह के मुख्य सदस्य हैं। पुलिस अब तक सर्राफ समेत सात लोगों को गिरफ्तार कर 3,07 लाख रुपये की नकली करेंसी जब्त कर चुकी है।

2.98 लाख की नकली करेंसी जब्त, छह गिरफ्तार

उत्तराखंड में नकली नोट सप्लाई करने के खेल का नैनीताल पुलिस ने पर्दाफाश किया है। लालकुलां में 9 अक्तूबर को सर्राफ से नकली करेंसी मिलने के मामले की पड़ताल के बाद पुलिस ने जीजा साला समेत 6 लोगों को गिरफ्तार कर उनसे 2.98 लाख रुपए की नकली करेंसी जब्त की है। आरोपियों को कोर्ट के आदेश पर जेल भेज दिया गया।

एसएसपी पीएन मीणा ने मामले का खुलासा किया। एसएसपी ने बताया कि नौ अक्तूबर को लालकुआं के सर्राफ शिवम वर्मा की गिरफ्तारी के बाद पुलिस को नकली करेंसी सप्लाई को लेकर अहम सुराग मिले। सर्राफ से पूछताछ के बाद 13 अक्तूबर को पुरानी नगीना कॉलोनी प्राथमिक विद्यालय के खंडहर से आसिफ अंसारी, सय्यद मौज्जम अली, अली मोहम्मद को पकड़ा गया। इनसे 2,67,000 की करेंसी मिली। 14 अक्तूबर को 5500 रुपये के साथ विनोद कुमार की पकड़ा था।

इनकी गिरफ्तार नकली नोट खपाने वाले बरेली के आसिफ अंसारी उर्फ आशिक रजा, सय्यद मौज्जम अली, लालकुआं के अली मोहम्मद, विकासपुरी खैरानी के विनोद कुमार, उसके चचेरे भाई संतोष कुमार और जीजा बिंदुखत्ता के विजय टम्टा को गिरफ्तार किया है। संबंधित खबर P05



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