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बदलते मौसम में सर्दी-खांसी के मामले बढ़े, डॉक्टरों ने बताए बचाव के घरेलू उपाय…

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उत्तराखंड :  जब मौसम बदलता है — जैसे गर्मी से बारिश या बारिश से सर्दी में — तो शरीर को अनुकूलन में समय लगता है। ऐसे समय में सर्दी-खांसी, गले में खराश, छींक आना और हल्का बुखार आम समस्याएँ बन जाती हैं। इनसे बचने के लिए कुछ आसान घरेलू उपाय काफी प्रभावी हो सकते हैं।

🌿 1. तुलसी-अदरक का काढ़ा
तुलसी, अदरक और काली मिर्च से बना काढ़ा प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करता है और गले की खराश में राहत देता है।
कैसे बनाएं:
1 कप पानी में 5 तुलसी की पत्तियाँ, 1 छोटा टुकड़ा अदरक और 2 काली मिर्च डालकर उबालें। गुनगुना होने पर पिएँ।

🧄 2. हल्दी वाला दूध
हल्दी में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। यह संक्रमण से लड़ने में मदद करता है।
सेवन विधि: रात को सोने से पहले गर्म दूध में आधा चम्मच हल्दी डालकर पिएँ।

💨 3. भाप लेना (स्टीम इनहेलिंग)
नाक बंद और गले की सूजन से राहत पाने के लिए दिन में एक बार भाप लेना बहुत कारगर है।
सुझाव: भाप लेते समय पानी में कुछ बूंदें नीलगिरी तेल या पुदीना का अर्क डालें।

🍯 4. शहद और दालचीनी का सेवन
शहद और दालचीनी दोनों ही गले को साफ करने और खांसी में राहत देने में मददगार हैं।
सेवन विधि: 1 चम्मच शहद में एक चुटकी दालचीनी मिलाकर दिन में 2 बार लें।

🚿 5. गर्म पानी का सेवन
दिन भर थोड़े-थोड़े अंतराल में गर्म पानी पीने से गले की नमी बनी रहती है और शरीर डिटॉक्स होता है।

✅ अतिरिक्त सुझाव:
ठंडी चीज़ों (जैसे आइसक्रीम, कोल्ड ड्रिंक) से बचें।

अपने कमरे में नमी बनाए रखने के लिए ह्यूमिडिफ़ायर का इस्तेमाल करें।

नियमित रूप से योग या प्राणायाम करें, खासकर अनुलोम-विलोम।

🔔 निष्कर्ष:
बदलते मौसम में सतर्क रहना और कुछ आसान घरेलू उपाय अपनाना सर्दी-खांसी से बचाव के लिए काफी कारगर हो सकता है। यदि लक्षण लंबे समय तक बने रहें या तेज़ बुखार हो, तो डॉक्टर से संपर्क करना ज़रूरी है।

 



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