Uttarakhand

बजरंग दल नेता पर FIR के विरोध में किया चक्काजाम, देहरादून में 400 लोगों पर मामला दर्ज

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देहरादून पुलिस ने शहर के घंटाघर इलाके में विरोध-प्रदर्शन करने वाले उन करीब 400 प्रदर्शनकारियों के खिलाफ शनिवार को FIR दर्ज की है, जो कि गुरुवार को शहर के रेलवे स्टेशन पर हुई सांप्रदायिक झड़प और तोड़फोड़ के आरोपी को हिरासत में लेने का विरोध करने के लिए जमा हुए थे।

यह प्रदर्शन शुक्रवार दोपहर को हुआ था। इस दौरान घंटाघर पर जमा हुई भीड़ ने नारे लगाते हुए बजरंग दल के नेता विकास वर्मा के खिलाफ दर्ज मामले को वापस लेने की मांग की और वहां से गुजरने वाले वाहनों के सामने बैरिकेड्स और पत्थर लगाते हुए यातायात बाधित कर दिया था। लोगों ने पुलिस पर एक पक्षीय कार्यवाही का आरोप लगाते हुए विरोध स्वरूप पलटन बाजार, चकराता रोड, घंटाघर, झंडा बाजार आदि में अपने प्रतिष्ठान बंद कर दिए थे। साथ ही हनुमान चालीसा का पाठ करते हुए सड़कों पर जाम लगा दिया था। लगभग तीन घंटे तक चले विरोध प्रदर्शन के बाद, जब हिरासत में लिए गए बजरंग दल नेता को रिहा किया गया, तब लोगों ने सड़कों से जाम हटाया था।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार इस मामले में देहरादून कोतवाली के SHO चंद्रभान सिंह अधिकारी ने FIR दर्ज की है। जिसके मुताबिक, शुक्रवार दोपहर को अज्ञात व्यक्तियों का एक समूह FIR वापस लेने की मांग करते हुए थाने के बाहर इकट्ठा हुआ और उन्होंने पुलिस-प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी भी की। पुलिस द्वारा स्थिति को शांत करने की कोशिशों के बावजूद, प्रदर्शनकारियों ने दुकानदारों को पलटन बाजार बंद करने के लिए मजबूर किया और घंटाघर की ओर बढ़ गए।

FIR में कहा गया कि प्रदर्शनकारियों ने इलाके को पूरी तरह से अवरुद्ध कर दिया और आवागमन को ठप कर दिया। उन्होंने सड़क पर पत्थर और अवरोधक लगाकर यातायात बाधित किया, जिससे कि एंबुलेंस और स्कूली बसों समेत सभी तरह के वाहन प्रभावित हुए। वहीं जब भीड़ में शामिल लोगों की संख्या लगभग 300-400 तक पहुंच गई, तो अतिरिक्त पुलिस बल बुलाया गया।

इससे पहले गुरुवार रात देहरादून में रेलवे स्टेशन पर उस वक्त बवाल मच गया था, जब एक हिंदू युवक और एक 16 वर्षीय मुस्लिम लड़की को रात में साथ घूमते पाया गया था। इस खबर के फैलने के बाद दोनों समुदायों के लोगों ने एक-दूसरे पर पथराव करने के साथ-साथ दोपहिया वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया था।

अधिकारियों ने बताया कि लड़की बदायूं के अल्पसंख्यक समुदाय की थी, जिसके बारे में वहां गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखाई गई थी। वह लड़के से मिलने के लिए देहरादून आई थी। ये दोनों आरपीएफ को रेलवे स्टेशन पर घूमते हुए मिले थे। जिसके बाद मामला संदिग्ध लगने पर की गई पूछताछ में युवक व युवती द्वारा सही से जवाब न देने के कारण, दोनों को आरपीएफ कार्यालय में बैठाया गया। उन्होंने बताया कि लड़की के घर वालों से संपर्क करने पर ज्ञात हुआ कि लड़की अपने घर से एक दिन पूर्व, बिना बताए देहरादून आई है, जिसकी गुमशुदगी बदायूं थाने में दर्ज है।

इस घटना की जानकारी मिलने के बाद बजरंग दल के नेता विकास वर्मा और आजाद समाज पार्टी के नेता आसिफ कुरैशी के नेतृत्व में दोनों समुदायों के लोग रेलवे स्टेशन पर जमा हो गए थे। जिसके बाद जल्द ही टकराव बढ़ गया, जिसमें एक-दूसरे पर पत्थर फेंके गए थे और खड़ी गाड़ियों को नुकसान पहुंचाया गया था। इस घटना के बाद पुलिस ने बजरंग दल प्रभारी विकास वर्मा को रात की घटना के सम्बन्ध में शुक्रवार सुबह हिरासत में ले लिया था। जिसके विरोध में लोगों में आक्रोश व्याप्त हो गया था।



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