Uttarakhand

फर्जी डिग्री से नौकरी करने वाले शिक्षक को सजा, रुद्रप्रयाग में अब तक 28 दोषी करार

Published

on


रुद्रप्रयाग: जनपद रुद्रप्रयाग में फर्जी डिग्री के आधार पर शिक्षा विभाग में नौकरी हासिल करने वाले एक और शिक्षक को कोर्ट ने सजा सुनाई है। जनता इंटर कॉलेज देवनगर में तैनात रहे लक्ष्मण सिंह रौथाण को अदालत ने दोषी करार देते हुए पांच साल के कठोर कारावास और जुर्माने की सजा दी है।

शिक्षा विभाग और एसआईटी जांच में खुलासा हुआ कि लक्ष्मण सिंह ने चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ की फर्जी बीएड डिग्री के जरिए साल 2003 में नौकरी पाई थी। सत्यापन में सामने आया कि विश्वविद्यालय से ऐसी कोई डिग्री जारी ही नहीं की गई थी। इसके बाद आरोपी शिक्षक को निलंबित और फिर बर्खास्त कर दिया गया।

अदालत का आदेश:
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अशोक कुमार सैनी की अदालत ने लक्ष्मण सिंह को IPC की धारा 420 के तहत 5 साल का कठोर कारावास और 10 हजार रुपये जुर्माना, तथा धारा 471 के तहत 2 साल का कठोर कारावास और 5 हजार रुपये जुर्माने से दंडित किया। जुर्माना अदा न करने पर अतिरिक्त जेल भी भुगतनी होगी। दोषी को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया है।

अब तक 28 दोषी:
राज्य सरकार की ओर से मामले की पैरवी कर रहे अभियोजन अधिकारी प्रमोद चन्द्र आर्य ने बताया कि अब तक रुद्रप्रयाग जिले में पकड़े गए कुल 28 फर्जी शिक्षकों को कोर्ट से सजा मिल चुकी है।

शिक्षा विभाग की लापरवाही उजागर:
इस मामले में कोर्ट ने आदेश की प्रति सचिव शिक्षा और सचिव गृह उत्तराखंड को भी भेजी है ताकि शिक्षा विभाग के लापरवाह अधिकारियों पर विभागीय कार्यवाही की जा सके। रिपोर्ट में यह भी सामने आया है कि सत्यापन के बिना इन शिक्षकों को नियुक्ति, स्थायीकरण और प्रमोशन तक दे दिए गए थे।



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Exit mobile version