Uttarakhand

फर्जी इंटरनेशनल कॉल सेंटर से देहरादून में विदेशी नागरिकों से ठगी, फ्लाइट बुक के नाम पर खेल; 3 गिरफ्तार

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फर्जी इंटरनेशनल कॉल सेंटर का देहरादून में भंडाफोड़ करते हुए तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपी अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट बुक करने का झांसा देकर विदेशी नागरिकों से ठगी करते थे। इस सेंटर में कार्यरत 47 कर्मचारियों को भी पुलिस ने नोटिस जारी किए।

शुक्रवार को पुलिस कार्यालय में हुई प्रेसवार्ता में एसपी सिटी प्रमोद कुमार ने यह खुलासा किया। उन्होंने बताया कि गोपनीय सूचना के बाद एसएसपी अजय सिंह के आदेश पर तीन टीमें गठित की गईं।

गुरुवार रात पुलिस ने पीसीएम वर्ल्ड वाइड फ्लाइट लिमिटेड नाम के कॉल सेंटर में दबिश दी। यहां एक बड़े हॉल में बने 65 केबिन में कर्मचारी काम कर रहे थे। वे कॉल रिसीव करके लोगों से अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट बुकिंग के लिए डेबिट/क्रेडिट कार्ड की जानकारी ले रहे थे।

मौके से विकास उर्फ फिलिप पुत्र सतनाम निवासी पंचकूला हरियाणा, मोहम्मद मोनिश उर्फ जॉन पुत्र नफीस अहमद निवासी मोहल्ला नज्जू सराय अफजलगढ़ यूपी, मन्नू यादव उर्फ रोब पुत्र प्रताप सिंह निवासी विलिज चौकी पूरा फरह मथुरा यूपी को गिरफ्तार किया गया।

पुलिस को नहीं मिले पंजीकरण के कागज

एसपी ने बताया कि आरोपियों से पीसीएस वर्ल्ड वाइड फ्लाइट कंपनी के रजिस्ट्रेशन के कागजात मांगे गए तो वो कागज नहीं दिखा पाए। गूगल में सर्च करने पर इस कंपनी को बंद दिखाया जा रहा है। आरोपियों पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। मौके से तीन मोबाइल, 48 मॉनीटर, माउस-कीबोर्ड, सीपीयू, हेडफोन, वाई-फाई राउटर भी मिले।

लोगों से धोखाधड़ी के लिए अंग्रेजी के नाम रखे

आरोपियों ने बताया कि उन्होंने विदेशी नागरिकों से ठगी के लिए अपने अंग्रेजी नाम रखे, ताकि कोई उन पर शक न कर सके। अपने नाम के साथ ही वे अपना आईपी एड्रेस भी बदल देते थे, ताकि वे पकड़ में न आ सकें। उनके कंप्यूटर में लेनदेन डॉलर के माध्यम से होता था। बाकी कंप्यूटर में कॉल को सिस्टम सॉफ्टवेयर से ऑपरेट किया जाता था।

अमेरिका और कनाडा के लोग थे निशाने पर

पुलिस के अनुसार, मुख्य आरोपी विकास उर्फ फिलिप ने बताया कि वो कॉल सेंटर का मैनेजर है। इसका मालिक अपुल मित्तल है, जो दिल्ली में बैठता है। वो विदेश में लोगों से संपर्क करके खुद को पीसीएम वर्ल्ड वाइड फ्लाइट लिमिटेड एजेंसी का अफसर बताता था। फ्लाइट बुकिंग के नाम पर क्रेडिट, डेबिट और वीजा कार्ड की जानकारी लेकर लाखों रुपये ठग लिए जाते थे। उनके निशाने पर अमेरिका और कनाडा के लोग होते थे।



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