Uttarakhand

प्रदेश में असुरक्षित पुलों की मरम्मत का काम शुरू, लोनिवि ने शासन को सौंपी रिपोर्ट।

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देहरादून – प्रदेश में असुरक्षित पाए गए 75 पुलों की मरम्मत का काम शुरू हो गया है। इस संबंध में लोनिवि की ओर से संबंधित रिपोर्ट शासन को सौंपी गई है। जिसमें जिलावार पुलों की स्थिति का ब्याेरा प्रस्तुत किया गया है। 75 में अभी तक 10 पुलों पर काम शुरू हो गया है, जबकि कुछ के एस्टिमेट शासन स्तर पर तो कुछ के विभाग स्तर पर लंबित हैं।

सचिव लोनिवि पंकज पांडेय ने पुलों की मरम्मत से संबंधित सभी औपचारिकताएं शीघ्र पूरी किए जाने के निर्देश दिए हैं। बीते वर्ष मानसून में रानीपोखरी में स्थित जाखन नदी पर बने पुल के ध्वस्त होने के बाद प्रदेशभर में पुलों की सेफ्टी ऑडिट के निर्देश शासन स्तर पर दिए गए थे। इसके बाद लोनिवि की ओर से ऐसे 75 पुलों की सूची तैयार की गई थी। बीते दिनों कोटद्वार में मालन नदी पर बने पुल के टूट जाने के बाद शासन ने बीते वर्ष हुए सेफ्टी ऑडिट की रिपोर्ट तलब की।

26 पुलों का आगणन विभागीय स्तर पर लंबित
लोनिवि की ओर से सेफ्टी ऑडिट के बाद उठाए गए कदमों का विस्तृत ब्योरा शासन को सौंपा है। उसके अनुसार 10 पुलों की मरम्मत का काम शुरू हो गया है। इन पर 84.48 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे। इसके अलावा चार पुल के एस्टिमेंट (आगणन) का काम शासन स्तर पर लंबित है। जबकि 26 पुलों का आगणन विभागीय स्तर पर लंबित है। जबकि 30 पुलों का एस्टिमेट अभी तैयार किया जाना है। दो पुलों की मरम्मत विश्व बैंक फंडिग परियोजना के तहत की जाएगी। इसके अलावा एक पुल ऐसा है, जिसका दूसरा विकल्प होने के चलते उसे मरम्मत कार्य से बाहर कर दिया गया है।

इसके अलावा 12 पुलों की स्वीकृति मिल चुकी है। इन पर 288.75 लाख रुपये का खर्च आएगा। इनमें से दो पुलों की निविदाएं आमंत्रित की गई हैं, जबकि 10 पर काम शुरू कर दिया गया है।

सचिव लोनिवि डाॅ. पंकज पांडेय ने बताया कि पुलों की मरम्मत के शासन या विभाग स्तर पर जो प्रस्ताव लंबित हैं, उन्हें शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं। यह कार्रवाई एक माह के भीतर पूरी कर ली जाएगी। इसके अलावा जो पुल पूरी तरह से जर्जर हैं, उन्हें बंद करने के निर्देश दिए गए हैं।

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