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Uttarakhand

पौड़ी के थलीसैंण में बादल फटने से भारी तबाही, गौशाला बहने से कई मवेशी लापता, 80 से ज्यादा गांवों की आवाजाही प्रभावित।

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पौड़ी – उत्तराखंड में पौड़ी के थलीसैंण में गुरुवार देर रात बादल फटने से भारी तबाही हुई है। थलीसैंण-पीठसैंण-बुंगीधार मोटर मार्ग पर बगवाड़ी गांव के समीप पुल के एक हिस्से का पुश्ता क्षतिग्रस्त हो गया है। जिससे चौथान पट्टी के पांच से अधिक गांवों की आवाजाही ठप हो गई है। जबकि पट्टी के 80 गांवों की आवाजाही प्रभावित हुई है।

पट्टी के ग्रामीणों को भीड़ा-जसपुर-उफरैंखाल मोटर मार्ग से 30 किमी का अतिरिक्त फेरा लगाना होगा। इस आपदा से पट्टी के रौली गांव के एक ग्रामीण की गौशाला बह गई है। जिसमें 10 बकरियां व दो बैल लापता हैं। जबकि एक बकरी का शव बरामद हो गया है। साथ ही रौली और बगवाड़ी गांव के ग्रामीणों के खेत बह गए हैं।

थलीसैंण ब्लाक के चौथान पट्टी में लगातार हो रही बारिश के बीच रौली गांव के समीप बीते गुरुवार रात करीब डेढ़ बजे बादल फटने की घटना हुई। जिसके बाद पास का गदेरा उफान पर आ गया। जिसमें रौली गांव के ग्रामीण चंदन सिंह की गौशाला बह गई। ग्रामीण के अनुसार, गौशाला में दो बैल व 11 बकरियां थी। अभी सिर्फ एक बकरी बरामद हुई है। जबकि अन्य लापता हैं। घटना की सूचना मिलने पर राजस्व पुलिस, लोनिवि बैजरों के अधिकारी-कर्मचारी मौके पर पहुंचकर आपदा में हुई क्षति का आंकलन करने में जुट गए हैं।
नायब तहसीलदार थलीसैंण आनंदपाल ने बताया कि पुल पर आवाजाही बंद होने से चौथान पट्टी के बगवाड़ी, व्यासी, रणगांव, सुंदरगांव, पीठसैंण आदि गांवों का यातायात ठप हो गया है।

खतरे की जद में आया मकान

एनटी आनंदपाल ने कहा कि रौली गांव में एक मकान भू-स्खलन की जद में आ गया है, लेकिन उस मकान में कोई नहीं रहता है। साथ ही रौली गांव में पेयजल लाइन टूटने से जलापूर्ति भी बंद हो गई है। एनटी आनंद पाल ने कहा कि आपदा से हुई क्षति का आंकलन किया जा रहा है। प्रभावितों को जल्द ही मानकानुसार मुकावजा प्रदान किया जाएगा। इस अवसर पर कानूनगो भीम सिंह असवाल, राजस्व उपनिरीक्षक जितेंद्र रावत, सहायक अभियंता लोनिवि सुशील कुमार आदि मौजूद रहे।
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