Uttarakhand

पुलिस की गिरफ्त में फरार सरबजीत , इस तरह देता था हत्याकांड को अंजाम….

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उधमसिंह नगर : बाबा तरसेम सिंह हत्याकांड के प्रमुख आरोपी और शूटर सरबजीत सिंह को एक साल के बाद पुलिस ने पंजाब से गिरफ्तार कर लिया। सरबजीत सिंह पिछले एक साल से पुलिस को चकमा दे रहा था। उसने न केवल कई ठिकाने बदले, बल्कि पहचान छिपाने के लिए बार-बार अपना हुलिया भी बदल लिया। हत्याकांड के बाद, सरबजीत और उसके साथी शूटर अमरजीत सिंह उर्फ बिट्टू ने बाइक से भागकर खुद को भूमिगत कर लिया था। अमरजीत सिंह का अप्रैल 2024 में हरिद्वार में एनकाउंटर हुआ था, जबकि सरबजीत लगातार पुलिस से बचता रहा।

पुलिस ने सरबजीत पर शुरुआत में 50,000 रुपये का, फिर 1 लाख रुपये और अंततः 2 लाख रुपये का इनाम घोषित किया था। पुलिस के साथ एसटीएफ भी उसकी तलाश में जुटी थी, और पंजाब में उसके कई संभावित ठिकानों पर छापेमारी की गई। हालाँकि, वह हर बार पुलिस से बचने में सफल रहा।

दो महीने पहले पुलिस को सूचना मिली थी कि सरबजीत तरनतारन जिले में छिपा हुआ है। एसएसपी मणिकांत मिश्रा ने इस सूचना के बाद ऑपरेशन को गोपनीय तरीके से अंजाम देने का निर्णय लिया और एक टीम तरनतारन भेजी। पुलिसकर्मियों ने समय-समय पर वहां जाकर जानकारी जुटाई, जिससे सरबजीत की गिरफ्तारी में मदद मिली।

सरबजीत सिंह का आपराधिक इतिहास

सरबजीत सिंह का आपराधिक इतिहास लंबा है, जिसमें 2006 से लेकर 2024 तक कई गंभीर मामलों में उसका नाम आया है। इनमें हत्या, अपहरण, आर्म्स एक्ट और एनडीपीएस एक्ट जैसे अपराध शामिल हैं।

सोशल मीडिया पर जिम्मेदारी ली

हत्याकांड के बाद, सरबजीत ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट कर इस हत्या की जिम्मेदारी ली थी। उसने दावा किया था कि वह बांग्लादेश के ढाका स्थित गुरुद्वारा नानकशाही में है और जल्द ही अकाल तख्त साहिब के सामने पेश होगा। हालांकि, यह पोस्ट सरबजीत ने खुद की थी या किसी और ने, यह अब तक स्पष्ट नहीं हो पाया है।

हत्याकांड की पूरी वारदात

28 मार्च 2024 को सुबह 6:15 बजे सरबजीत और अमरजीत सिंह बाइक से नानकमत्ता के डेरा कार सेवा में घुसे। सरबजीत ने बाइक चलाया, जबकि अमरजीत ने बाबा तरसेम सिंह को गोली मारी। बाबा घटना के समय कुर्सी पर बैठे हुए थे। अमरजीत सिंह को बाद में हरिद्वार पुलिस और एसटीएफ ने एनकाउंटर में मार गिराया, लेकिन सरबजीत पुलिस के हाथ नहीं लगा।

पुलिस के लिए बड़ी सफलता

एक साल बाद सरबजीत सिंह की गिरफ्तारी उत्तराखंड पुलिस के लिए बड़ी सफलता मानी जा रही है। पुलिस अब इस हत्याकांड से जुड़े अन्य षड्यंत्रकारियों तक भी पहुंचने की उम्मीद कर रही है।



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