Uttarakhand

पिथौरागढ़ टनल में फंसे श्रमिकों की ज़िंदगी खतरे में, सीएम धामी ने दिया आपात रेस्क्यू का आदेश!

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देहरादून: उत्तराखंड में लगातार हो रही भारी बारिश ने प्रदेश को एक बार फिर आपदा की चपेट में ला दिया है। इस आपदा के चलते मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज सभी उच्चाधिकारियों एवं जिलाधिकारियों के साथ गहन समीक्षा बैठक कर हालात की विस्तृत जानकारी ली और त्वरित राहत एवं बचाव कार्यों के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने NDRF, SDRF, पुलिस प्रशासन सहित सभी ज़रूरी एजेंसियों को अलर्ट मोड पर रहने को कहा है। साथ ही, उन्होंने नदियों के जलस्तर पर निरंतर निगरानी रखने और संवेदनशील क्षेत्रों में अतिरिक्त सावधानी बरतने के आदेश भी दिए हैं।

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि “आपदा की इस घड़ी में सरकार पीड़ितों के साथ खड़ी है।” उन्होंने यह भी कहा कि सभी ज़िला प्रशासन, विभाग और राहत टीमें आपसी समन्वय के साथ लगातार कार्य कर रही हैं। बंद हुए सड़क मार्गों को खोलने का काम तेज़ी से जारी है, और जो भी नागरिक संकट में हैं, उन्हें प्राथमिकता के आधार पर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है।

प्रभावित क्षेत्रों में राशन, चिकित्सा सुविधा, अस्थायी आवास और राहत सामग्री की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश पहले ही जारी किए जा चुके हैं। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

पिथौरागढ़ की टनल में फंसे श्रमिक, युद्धस्तर पर चल रहा रेस्क्यू ऑपरेशन

पिथौरागढ़ ज़िले के धारचूला में स्थित धौली गंगा जल विद्युत परियोजना की भूमिगत टनल में शनिवार को हुए भूस्खलन के बाद हालात गंभीर हो गए थे। टनल के मुहाने पर भारी मलबा जमा हो जाने के कारण टनल में कार्यरत 19 श्रमिकों के फंसे होने की खबर सामने आई।

जिला प्रशासन, एनएचपीसी, बीआरओ, एनडीआरएफ और सीआईएसएफ के संयुक्त प्रयासों से अब तक 8 श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकाला जा चुका है, जबकि बाकी 11 श्रमिक भी सुरक्षित हैं और टनल के अंदर प्रशासन से संपर्क में हैं। उन्हें सुरक्षित निकालने का कार्य तेज़ी से जारी है।

टनल के अंदर मौजूद श्रमिकों के लिए भोजन और चिकित्सा की व्यवस्था पहले से उपलब्ध है, और इमरजेंसी शाफ्ट के माध्यम से लगातार मलबा हटाया जा रहा है।

सरकार ने फिर दोहराया – हर नागरिक की जान कीमती है

मुख्यमंत्री ने सभी ज़िलाधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि आपदा से प्रभावित हर परिवार तक तत्काल सहायता पहुंचे, और एक भी व्यक्ति की जरूरतें अनदेखी न रहें। उन्होंने अफसरों से कहा कि “आप सिर्फ फाइलें नहीं, लोगों की ज़िंदगी की ज़िम्मेदारी संभाल रहे हैं।”



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