Uttarakhand

पहाड़ों पर रेल का सपना होने वाला आसान, ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन की गौचर में सुरंग आरपार

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ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन परियोजना की गौचर के पास बन रही एमटी-5 और एमटी-6 के बीच करीब 2700 मीटर (2.7 किमी) की एक सुरंग आर-पार हो गई है। सुरंग का निर्माण पूरा होते ही वहां काम कर रहे इंजीनियरों, वैज्ञानिकों और मजदूरों में खुशी की लहर छा गई।

उन्होंने मिठाइयां बांटकर खुशियां मनाई। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन पहाड़ी क्षेत्र के विकास के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इससे पहाड़ के दूरस्थ क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को ऋषिकेश और देहरादून आने-जाने में काफी कम समय लगेगा।

साथ ही ट्रांसपोर्ट में लगने वाले किराया भाड़े में भी कमी आएगी। वर्ष 2025 तक इस परियोजना की सभी सुरंगों के निर्माण कार्य पूरा होने की उम्मीद जताई जा रही है। मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (एमईआईएल) के सर्वे इंचार्ज दिनेश सिंह ने बताया कि गौचर में आईटीबीपी के पास से भट्टनगर गांव की सीमा तक इस सुरंग को बनने में करीब तीन साल लगे।

यह सुरंग गौचर नगर के आवासीय क्षेत्र से होकर गुजर रही है। इंजीनियरों ने बताया कि ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन परियोजना का करीब 75 प्रतिशत निर्माण कार्य पूरा हो चुका है और जल्द ही सभी सुरंगों के पूर्ण होने की संभावना है।

ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक 125 किलोमीटर लंबी रेल लाइन का 104 किलोमीटर हिस्सा सुरंग से होकर गुजरेगा और शेष 21 किमी. में पुल व रेलवे स्टेशन होंगे। रेल लाइन पर 16 मुख्य व 12 सहायक सुरंगे बनाई जा रही हैं।

सात सहायक सुरंगें ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे से जोड़ी जा रही है जो आपातकाल में निकासी का कार्य करेंगी। इस मौके पर भूवैज्ञानिक व्यासदेव शर्मा, प्रोजेक्ट मैनेजर एचएन सिंह, आरबीएल मैनेजर उमेश डांगी, इंजीनियर दीपक कुमार व अवनीश कुमार, सुभाष ठाकुर, दीपक शर्मा, आनंदपाल सिंह, गंभीर सिंह आदि शामिल रहे।



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