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Uttarakhand

नैनीताल में 90 लाख की ठगी का खुलासा , शेयर मार्केट धोखाधड़ी करने वाले दो साइबर ठगों को किया गिरफ्तार…..

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नैनीताल में 90 लाख की ठगी का खुलासा , शेयर मार्केट धोखाधड़ी करने वाले दो साइबर ठगों को किया गिरफ्तार…..

नैनीताल : पुलिस ने सोशल मीडिया पर शेयर मार्केट और ऑनलाइन ट्रेडिंग के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले दो साइबर ठगों को गिरफ्तार किया है। एसटीएफ की साइबर टीम ने इन दोनों आरोपियों को जयपुर, राजस्थान से गिरफ्तार किया है। आरोपियों ने सोशल मीडिया पर विज्ञापन के जरिए लोगों को धोखा दिया और करीब 90 लाख रुपये की ठगी की है।

धोखाधड़ी का खुलासा कैसे हुआ?
यह मामला तब सामने आया जब नैनीताल निवासी एक पीड़ित ने सितम्बर 2024 में केस दर्ज कराया। पीड़ित ने बताया कि अगस्त-सितम्बर 2024 में उन्होंने फेसबुक पर एक विज्ञापन देखा था, जिसमें ऑनलाइन शेयर ट्रेडिंग से अधिक मुनाफा कमाने का लालच दिया गया था। विज्ञापन पर क्लिक करने के बाद, पीड़ित को एक अज्ञात व्हाट्सएप ग्रुप से जोड़ा गया, जहां पर ट्रेडिंग के लिए प्रशिक्षित किया जाने का दावा किया गया था। ग्रुप में पहले से जुड़े लोगों ने अपने मुनाफे की स्क्रीनशॉट्स शेयर की थीं, जिससे पीड़ित को भी झांसा दिया गया। आरोपियों ने उसे व्हाट्सएप के माध्यम से विभिन्न बैंक खातों में लगभग 90 लाख रुपये की रकम जमा करवा दी।

पुलिस ने खंगाली बैंक अकाउंट और मोबाइल फोन की डिटेल
विवेचना के दौरान साइबर थाना पुलिस ने आरोपियों के बैंक खातों और मोबाइल नंबरों का सत्यापन किया। इसके बाद आरोपियों को चिन्हित कर गिरफ्तार करने के लिए कई स्थानों पर दबिश दी गई। पुलिस ने जयपुर, राजस्थान में दबिश देकर आरोपियों संतोष कुमार मीणा और नीरज कुमार मीणा को गिरफ्तार किया। उनके पास से 05 मोबाइल फोन, 09 सिम कार्ड, 04 चेकबुक, 02 डेबिट कार्ड, 01 पासबुक, 02 आधार कार्ड, और 1 पैन कार्ड बरामद हुए।

आपराधिक तरीका
आरोपियों का तरीका बेहद चालाक था। वे फेसबुक पर विज्ञापन के माध्यम से पीड़ितों को आकर्षित करते थे और उन्हें ऑनलाइन ट्रेडिंग के व्हाट्सएप ग्रुपों में जोड़ते थे। इन ग्रुपों में फर्जी स्क्रीनशॉट्स के माध्यम से मुनाफे का दावा किया जाता था, जिससे लोग झांसे में आकर अपनी धनराशि इन्वेस्ट कर देते थे। इसके बाद आरोपियों ने एक फर्जी एप का इस्तेमाल किया, जिससे इन्वेस्ट की गई धनराशि पर भारी मुनाफा दिखाया जाता था, ताकि पीड़ितों को अधिक मुनाफा होने का भरोसा हो। लेकिन असल में वे एक साइबर धोखाधड़ी का शिकार हो रहे थे।

धोखाधड़ी की राशि और अन्य राज्यों में शिकायतें
आरोपियों द्वारा धोखाधड़ी से प्राप्त राशि अलग-अलग बैंक खातों में ट्रांसफर की जाती थी। एसटीएफ के एसएसपी नवनीत भुल्लर ने बताया कि आरोपियों के बैंक खातों का गहन विश्लेषण किया गया, जिसमें 4-5 महीने में लाखों रुपयों का लेन-देन हुआ था। जांच में यह भी पाया गया कि इन बैंक खातों के खिलाफ देश के विभिन्न राज्यों में 6 साइबर अपराधों की शिकायतें दर्ज हैं।

 



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