Uttarakhand

नैनीताल जीले के रामनगर के गौजानी में क़ब्रिस्तान को लेकर विवाद! शव दफनाने से पहले हंगामा, प्रशासन मौके पर तैनात…

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नैनीताल  : नैनीताल जीले के रामनगर के गौजानी इलाके में उस वक्त तनाव की स्थिति बन गई जब एक विशेष समुदाय द्वारा शव को दफनाने के लिए जमीन की खुदाई की गई,मामला देखते ही देखते विवाद का रूप ले गया,बीजेपी कार्यकर्ताओं ने आपत्ति जताई कि यह स्थान क़ब्रिस्तान की अधिकृत सीमा में नहीं आता है. वहीं, प्रशासन ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को संभालने की कोशिश की.
घटना गुरुवार सुबह की है जब रामनगर के गौजानी में एक विशेष समुदाय के परिवार द्वारा अपने मृत परिजन को दफनाने की तैयारी की जा रही थी, जैसे ही खुदाई शुरू हुई, भाजपा कार्यकर्ता वहां पहुंचे और दावा किया कि यह स्थान क़ब्रिस्तान नहीं है, बल्कि उससे करीब 200 मीटर दूर असल कब्रिस्तान की जमीन है. भाजपा नेताओं ने प्रशासन से इस मुद्दे पर तत्काल हस्तक्षेप की मांग की.
भाजपा नेता मदन जोशी ने मीडिया से बातचीत में कहा,गौजानी क्षेत्र हिंदू बाहुल्य इलाका है,यहां पूर्व में भी इस तरह के विवाद हो चुके हैं,1993 में दोनों समुदायों के बीच समझौता हुआ था कि विशेष समुदाय के लोग 200 मीटर दूर तय स्थान पर ही शव दफनाएंगे.
मदन जोशी ने आरोप लगाया कि इस बार मृतक के परिजन भी विवाद नहीं चाहते थे।
जब हमने उनसे बात की, तो उन्होंने खुद कहा कि वे यहां दफन नहीं करना चाहते थे, लेकिन वक्फ बोर्ड की कमेटी के कुछ लोगों ने दबाव बनाकर इस जमीन पर दफन की कोशिश की.
उन्होंने आगे कहा, हमने मौके पर जाकर विरोध दर्ज कराया ताकि विवाद और न बढ़े,अगर शव यहां दफन हो जाता, तो माहौल और खराब हो सकता था.
वहीं, भाजपा नेता ने यह भी कहा कि
यह मामला फिलहाल प्रशासन और शासन के संज्ञान में है,हमने मुख्यमंत्री को जमीन की स्थिति की जांच के लिए पत्र भेजा है,अभी तक इस जमीन का सीमांकन नहीं हुआ है,जब तक जांच पूरी नहीं होती, तब तक हम यहां क़ब्रिस्तान नहीं बनने देंगे.
घटना की जानकारी मिलते ही प्रशासन सक्रिय हो गया,मौके पर एसडीएम प्रमोद कुमार भारी पुलिस बल के साथ पहुंचेउन्होंने बताया,
दोनों पक्षों से बातचीत की जा रही है और माहौल को शांत रखने की कोशिश की जा रही है,किसी भी पक्ष को बिना अनुमति कोई भी कार्रवाई करने नहीं दी जाएगी.
फिलहाल, प्रशासन की निगरानी में पूरे क्षेत्र में शांति बनी हुई है, लेकिन स्थानीय लोगों में तनाव की स्थिति साफ महसूस की जा सकती है,मौके पर पुलिस बल तैनात है और किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन सतर्क है.
यह विवाद सिर्फ एक ज़मीन या शव दफनाने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह उस सामाजिक समरसता को भी चुनौती देता है, जो वर्षों से इस क्षेत्र में बनी हुई थी। प्रशासन के सामने चुनौती है कि वह निष्पक्षता से जांच करे और दोनों समुदायों के बीच विश्वास बहाल करे।
इस पूरे घटनाक्रम को लेकर अब निगाहें शासन की जांच रिपोर्ट और सीमांकन के निर्णय पर टिकी हैं। तब तक इलाके में तनाव बरकरार है, और प्रशासन को हर कदम सावधानी से उठाना होगा.

 



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