Uttarakhand

नदी के ऊपर जर्जर ट्रॉली, जंगल में गुलदार का डर—कैद हो गया उत्तरकाशी का स्यूंणा गांव

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उत्तरकाशी : उत्तरकाशी जनपद मुख्यालय से महज 4 किलोमीटर दूर स्थित स्यूंणा गांव के ग्रामीण सिस्टम की उपेक्षा और प्रकृति की मार दोनों झेल रहे हैं। गांव तक सड़क या पुल न होने के कारण 35 से अधिक परिवारों को हर दिन जोखिम उठाकर भागीरथी नदी पार करनी पड़ रही है।

बरसात के इस मौसम में स्थिति और भी भयावह हो गई है—जहाँ एक ओर उफनती भागीरथी नदी है, वहीं दूसरी ओर तेखला पुल के पास का घना जंगल, जहाँ से गुजरते वक्त गुलदार का खतरा ग्रामीणों पर मंडरा रहा है।

गांव को जोड़ने के लिए नदी के ऊपर हस्तचालित जर्जर ट्रॉली ही एकमात्र सहारा है। यह ट्रॉली अब खतरनाक स्थिति में पहुंच चुकी है, जिसे चलाना खासकर बच्चों और महिलाओं के लिए बेहद कठिन और जानलेवा है।

सर्दियों में ग्रामीण नदी पर अस्थायी पुलिया बनाकर काम चलाते हैं, लेकिन बरसात में वही नदी जीवन और मौत के बीच की रेखा बन जाती है



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