Uttarakhand

दो महीने में 87 लापता नाबालिग बच्चों को खोज लायी दून पुलिस, संवेदनशीलता और सतर्कता का परिचय

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देहरादून: गुमशुदा नाबालिग बच्चों की बरामदगी को लेकर देहरादून पुलिस पूरी संवेदनशीलता और तत्परता से काम कर रही है। बीते दो महीनों में जनपद भर से गुमशुदा हुए 97 नाबालिगों में से 87 बच्चों को सकुशल खोजकर परिजनों से मिलाया गया, जो पुलिस की सजगता और मानवीय दृष्टिकोण का प्रमाण है।

पुलिस रिपोर्ट के अनुसार, इन मामलों में कई बच्चे माता-पिता से नाराज होकर या डांट के चलते घर छोड़कर चले गए थे। 62 मामलों में बच्चों द्वारा परिजनों की बात न मानने या नाराज़ होकर घर छोड़ने की बात सामने आई, जबकि 24 बच्चे बिना बताए घूमने या सोशल मीडिया के प्रभाव में आकर घर से निकले थे।

11 बच्चों को बहला-फुसलाकर भगाया गया, आरोपी गिरफ्तार

इन मामलों में सबसे गंभीर वे 11 केस रहे, जिनमें नाबालिगों को अन्य व्यक्तियों द्वारा बहला-फुसलाकर अपने साथ ले जाया गया। इन सभी मामलों में पुलिस ने फौरन कार्रवाई करते हुए सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।

काउंसलिंग भी, कानून भी

जहां जरूरत पड़ी, वहां पुलिस ने न सिर्फ बच्चों बल्कि उनके अभिभावकों की भी काउंसलिंग की। माता-पिता को समझाया गया कि बच्चों की मानसिक स्थिति को समझना, उनके साथ संवाद बनाए रखना और दोस्त की तरह व्यवहार करना बेहद ज़रूरी है।

बाहर राज्यों से भी तलाश कर लाए गए बच्चे

पुलिस ने बताया कि बरामद किए गए कई बच्चे उत्तराखंड के अलावा दिल्ली, मुंबई, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान जैसे अन्य राज्यों में भी पाए गए। हर जगह स्थानीय पुलिस की मदद लेकर इन बच्चों को सुरक्षित घर वापस लाया गया।

कुछ अभी भी लापता, सोशल मीडिया से बनाई जा रही पकड़

हालांकि, 10 नाबालिग अभी भी लापता हैं, जिनकी तलाश में पुलिस दिन-रात जुटी है। इनमें से कुछ बच्चों से सोशल मीडिया और मोबाइल कॉल के जरिए संपर्क भी स्थापित किया गया है। उदाहरणस्वरूप, पटेलनगर क्षेत्र से लापता एक नाबालिग युवती लुधियाना में काम कर रही है, जिसने वीडियो कॉल पर पुलिस से बात कर जल्द वापस लौटने की बात कही।



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