Uttarakhand

देहरादून में लोकसंस्कृति और वैश्विक सुरों का संगम

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देहरादून – राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने  डॉ. बीआर अंबेडकर स्टेडियम ओएनजीसी, देहरादून में 30वें विरासत आर्ट एंड हेरिटेज फेस्टिवल का शुभारंभ किया। 15 दिनों तक चलने वाले इस महोत्सव में श्रीलंका, उज्बेकिस्तान, किर्गिस्तान और बेलारूस की लोकधुनें गूंजने के साथ ही देश-विदेश की संस्कृति का समागम देखने को मिलेगा।


रीच संस्था की ओर से आयोजित हुए इस महोत्सव की शुरुआत विश्वविख्यात सरोद वादक पद्मविभूषण उस्ताद अमजद अली खान की मनमोहक प्रस्तुति से हुआ। उनकी मधुर धुनों ने श्रोताओं को भावविभोर कर दिया। सरोद की तानों और तबलों की बेहतरीन जुगलबंदी ने माहौल को ऊर्जा और आनंद से भर दिया।

महोत्सव के शुभारंभ के अवसर पर राज्यपाल ने कहा की यह केवल सांस्कृतिक आयोजन नहीं, बल्कि भारत और विशेषकर देवभूमि उत्तराखण्ड की समृद्ध परंपराओं और गौरवशाली विरासत का उत्सव है। उन्होंने कहा कि “संस्कृति ही राष्ट्र की आत्मा है” और विरासत महोत्सव पिछले तीन दशकों से भारत की विविधता, कला और परंपराओं को जीवंत कर रहा है। उन्होंने कहा कि यह आयोजन हमारे शिल्पकारों और कलाकारों को सम्मान देने के साथ-साथ नई पीढ़ी को अपनी जड़ों से जोड़ने का कार्य करता है।

उन्होंने उत्तराखंड की संस्कृति को प्रकृति के साथ सामंजस्य का प्रतीक बताते हुए कहा कि देवभूमि के मेले, त्यौहार, लोकगीत और लोकनृत्य हमारी जीवंत धरोहर हैं। राज्यपाल ने कहा कि विरासत महोत्सव ने आज विश्व बंधुत्व और “विविधता में एकता” का संदेश देने वाला एक सशक्त मंच बना लिया है।

राज्यपाल ने युवाओं से आह्वान किया कि वे अपनी विरासत और परंपराओं से जुड़ें। उन्होंने कहा कि जब नई पीढ़ी अपनी संस्कृति को आत्मसात करती है, तभी वह आत्मविश्वास के साथ विश्व मंच पर खड़ी हो सकती है। उन्होंने सभी से यह संकल्प लेने का आह्वान किया कि हम अपनी विरासत को सहेजेंगे, संरक्षित करेंगे और आने वाली पीढ़ियों तक पहुँचाएँगे।



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