Uttarakhand
देहरादून में मजदूर परिवारों का सहारा टूटा, सबकुछ बह जाने से सड़कों पर गुज़ार रहे रातें l
देहरादून में बादल फटने से तबाही, सहस्त्रधारा में बादल फटा, रिस्पना नदी उफानी– सरकार से मदद की गुहार lदेहरादून: बीते सोमवार की रात देहरादून में हुई मूसलाधार बारिश ने राजधानी को हिला कर रख दिया। अतिवृष्टि के कारण सहस्त्रधारा क्षेत्र में बादल फट गया, जिसके बाद नदियों का जलस्तर अचानक बढ़ गया। उफान पर आई रिस्पना नदी का पानी और मलबा गरीब बस्तियों और दुकानों में घुस गया। रात को आई इस आफत ने लोगों की नींद तोड़ दी और कई परिवारों को मजबूरी में घर छोड़कर बाहर बैठकर रात गुजारनी पड़ी। सबसे ज्यादा मार उन परिवारों पर पड़ी है जिनके पास पहले से ही बहुत कम था।
रिस्पना नदी का रौद्र रूप, घरों में घुसा पानी
रिस्पना वार्ड निवासी सीमा देवी बताती हैं कि देर रात अचानक नदी का जलस्तर इतना बढ़ गया कि घरों में पानी घुस आया। बहाव और आवाजें इतनी भयावह थीं कि वे बच्चों को लेकर बाहर निकल आईं। उन्होंने बताया कि कई परिवारों का राशन और जरूरी सामान बह गया, घर में घुसा मलबा बिस्तर, कपड़े और घरेलू सामान सब खराब कर गया। बच्चों को रातभर भूखा रहना पड़ा। उन्होंने कहा कि दशकों से यहां रहते हुए ऐसा विकराल रूप उन्होंने कभी नहीं देखा था।
दुकानदारों की रोज़ी-रोटी पर चोट
नितिन, जो पिछले 25 सालों से कपड़ों की दुकान चला रहे हैं, बताते हैं कि उनकी दुकान में पानी और मलबा भर गया। हजारों रुपये का सामान खराब हो गया, वहीं 50–60 हजार रुपये नकद भी बह गए। उनका कहना है कि बरसात के दिनों में पहले ही कमाई कम होती है, ऐसे में यह नुकसान उनकी कमर तोड़ गया है।
मजदूर परिवारों की बेबसी
राहुल, जो दिहाड़ी मजदूरी कर अपने परिवार का पेट पालते हैं, बताते हैं कि घर में पानी घुसते ही बच्चों को लेकर भागना पड़ा। उनके मकान की पिछली दीवार गिर गई और सारा सामान बह गया। अब उनके पास न छत बची है, न ही खाने का सामान। उन्होंने कहा कि उनकी तरह यहां ज्यादातर परिवार दिहाड़ी मजदूर और रिक्शा चालक हैं, जिन्होंने जीवनभर की मेहनत लगाकर छोटे-छोटे घर बनाए थे, लेकिन एक ही बारिश में सबकुछ बह गया।
सरकार से मदद की गुहार
स्थानीय लोग अब सरकार और प्रशासन से मदद की गुहार लगा रहे हैं। नगर निगम की टीमें मलबा साफ करने में जुटी हैं, लेकिन विकराल रूप धारण करने वाली रिस्पना नदी ने गरीब और कमजोर वर्ग के परिवारों की जिंदगी पूरी तरह उथल-पुथल कर दी है। यह तबाही उन लोगों के लिए एक ऐसा जख्म है जिसे भरना आसान नहीं होगा।