Uttarakhand

देहरादून को ‘असुरक्षित शहर’ बताने वाली सर्वे रिपोर्ट पर महिला आयोग ने किया खंडन l

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देहरादून: हाल ही में एक निजी सर्वे कंपनी “पी वैल्यू एनालिटिक्स” द्वारा NARI-2025 शीर्षक से प्रकाशित रिपोर्ट में देहरादून को देश के 10 असुरक्षित शहरों में शामिल किया गया। इस सर्वेक्षण को लेकर राज्य महिला आयोग और राष्ट्रीय महिला आयोग ने स्पष्ट किया है कि यह रिपोर्ट किसी सरकारी या आधिकारिक सर्वे का हिस्सा नहीं है।

राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष के अनुसार यह पहल पूरी तरह निजी कंपनी की स्वतंत्र पहल है, जो अपराध आंकड़ों पर आधारित नहीं बल्कि व्यक्तिगत धाराओं और टेलीफोनिक इंटरव्यू पर आधारित है। रिपोर्ट में केवल 12770 महिलाओं से टेलीफोनिक वार्ता की गई, जबकि देहरादून में महिलाओं की आबादी लगभग 9 लाख है।

महिला सुरक्षा से जुड़े तकनीकी प्लेटफॉर्म जैसे गौरा शक्ति एप में 1.25 लाख रजिस्ट्रेशन हो चुके हैं, जिनमें से 16649 रजिस्ट्रेशन देहरादून के हैं। इसके अतिरिक्त डायल 112, उत्तराखंड पुलिस एप, सीएम हेल्पलाइन और अन्य पोर्टल नियमित रूप से महिलाओं द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे हैं।

सर्वेक्षण के अनुसार पुलिस पेट्रोलिंग और क्राइम रेट के आंकड़े भी वास्तविक स्थिति से मेल नहीं खाते। उदाहरण के लिए, पुलिस पेट्रोलिंग के आधार पर देहरादून का स्कोर 33 प्रतिशत है, जबकि सर्वे में सर्वाधिक सुरक्षित कोहिमा का स्कोर मात्र 11 प्रतिशत दिखाया गया है। वहीं, सार्वजनिक स्थानों पर महिलाओं की सुरक्षा का अनुभव भी देहरादून में बेहतर पाया गया है।

जनपद पुलिस ने महिला सुरक्षा को लेकर व्यापक उपाय किए हैं। देहरादून में महिला हेल्पलाइन, पिंक बूथ, गौरा चीता, वन स्टाप सेंटर और स्मार्ट सिटी के 14000 सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से निगरानी सुनिश्चित की जा रही है। वर्ष 2025 में बलात्कार, स्नेचिंग और शील भंग जैसी घटनाओं का 100 प्रतिशत अनावरण किया गया।

सर्वेक्षण की विश्वसनीयता पर सवाल उठाते हुए महिला आयोग ने कहा कि केवल 0.04 प्रतिशत महिला आबादी की राय के आधार पर पूरे शहर को असुरक्षित घोषित करना उचित नहीं है। देहरादून की प्रतिष्ठित शिक्षा संस्थाएं, पर्यटक स्थल और छात्र-छात्राओं की बढ़ती संख्या शहर की सुरक्षा का प्रमाण हैं।



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