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देहरादून की सड़कों से विक्रम हटाएं, सीएनजी वाहन पर 50 फीसदी सब्सिडी पाएं; ये फायदे भी देगी सरकार

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देहरादून शहर में विक्रम वाहनों को सड़क से हटाने के लिए संभागीय परिवहन प्राधिकरण (आरटीए) ने बड़ा निर्णय लिया है। विक्रम वाहनों को सड़क से हटाकर उसकी जगह सीएनजी या बीएस-6 पेट्रोल मैजिक खरीदने पर 50 फीसदी सब्सिडी दी जाएगी।

Sneha Baluni हिन्दुस्तान, देहरादूनThu, 17 Oct 2024 03:36 AM
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देहरादून शहर में विक्रम वाहनों को सड़क से हटाने के लिए संभागीय परिवहन प्राधिकरण (आरटीए) ने बड़ा निर्णय लिया है। विक्रम वाहनों को सड़क से हटाकर उसकी जगह सीएनजी या बीएस-6 पेट्रोल मैजिक खरीदने पर 50 फीसदी सब्सिडी दी जाएगी। वाहन की क्षमता ड्राइवर समेत 9 से अधिक होने पर स्टेज कैरिज परमिट भी दिया जाएगा। इसके साथ ही आवेदक किसी भी रूट पर परमिट ले सकता है। साथ ही सिटी बसों की तरह रोड टैक्स में भी शत-प्रतिशत छूट दी जाएगी।

बुधवार को आरटीओ कार्यालय की ई-लॉबी में आरटीए अध्यक्ष विनय शंकर पांडेय की अध्यक्षता में हुई बैठक में वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए डीजल से चलने वाले विक्रमों को बाहर करने का फैसला हुआ। विक्रमों की जगह मैजिक वाहन खरीदने के लिए विक्रम संचालकों को प्रोत्साहित किया जाएगा।

आरटीए सचिव सुनील शर्मा ने बताया कि विक्रम वाहनों को हटाने के लिए हाईकोर्ट के साथ ही एनजीटी भी कई बार आदेशित कर चुका है। अब तक 400 से ज्यादा विक्रम सड़क से हट चुके हैं, बावजूद 478 विक्रम अभी भी सड़कों पर चल रहे हैं। नई प्रोत्साहन योजना से ये भी बाहर हो जाएंगे। उन्होंने विक्रम संचालकों से इस योजना के तहत आवेदन करने की अपील की।

पांच माह के भीतर करना होगा आवेदन

आरटीए सचिव ने कहा कि सब्सिडी योजना का लाभ लेने के लिए पांच महीने के भीतर आवेदन करना होगा। यदि कोई इसके बाद आवेदन करेगा तो उसको सब्सिडी का लाभ नहीं मिल पाएगा।

कई बार लिया गया विक्रम हटाने का निर्णय

विक्रम वाहनों को सड़क से हटाने के लिए आरटीए कई बार फैसला ले चुका है। 2023 में हुई बैठक में विक्रम वाहनों को दो चरणों में हटाने का फैसला लिया गया। इसमें दस साल या इससे अधिक पुराने विक्रम 31 मार्च 2023 और बाकी बचे विक्रमों को 31 दिसंबर 2023 तक हटाने का फैसला लिया गया। विक्रम संचालक इसके विरोध में हाईकोर्ट चले गए।

मसूरी शटल सेवा के लिए टैंपरेरी परमिट

मसूरी में शटल सेवा चलाने के लिए बसों को टैंपरेरी परमिट दिए जाएंगे। इसके साथ ही यहां रूट का सर्वे कर शासन को भेजा जाएगा। शासन की मंजूरी मिलने के बाद शटल सेवा के तहत चलने वाली बसों को स्थायी परमिट दिए जाएंगे। आरटीए सचिव सुनील शर्मा ने बताया कि मसूरी में जाम की समस्या से निपटने के लिए शटल सेवा चलाने की तैयारी चल रही है।



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