Uttarakhand
दून एयरपोर्ट पर टूटा 23 साल का बारिश रिकॉर्ड, मौसम वैज्ञानिक और पर्यावरणविद् हैरान l
इस साल मई-जून में भी बारिश ने तोड़े रिकॉर्ड, 2025 बना मौसमीय बदलाव का संकेत – वैज्ञानिक और पर्यावरणविद् हैरान l
इस साल की बात करें तो मई, जून और अगस्त — तीनों ही महीनों में बारिश ने पुराने रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं, जबकि जुलाई में अपेक्षाकृत कम वर्षा हुई।
मौसम वैज्ञानिक और पर्यावरणविदों के अनुसार, 2025 का यह मानसून सीजन जलवायु परिवर्तन के स्पष्ट संकेत दे रहा है। बारिश के बदलते पैटर्न और बादल फटने की बढ़ती घटनाएं चिंता का विषय हैं।
एयरपोर्ट पर दर्ज बारिश के आंकड़े (2025)
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मई: 160.8 मिमी
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जून: 578 मिमी
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जुलाई: 499.3 मिमी
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अगस्त: 986.9 मिमी
➡️ कुल (चार महीने): 2225 मिमी बारिश
बीते वर्षों में अगस्त महीने की बारिश (तुलना में):
वैज्ञानिकों की चेतावनी:
वरिष्ठ भूगर्भ वैज्ञानिक और एचएनबी गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय श्रीनगर के विभागाध्यक्ष प्रो. एमपीएस बिष्ट ने कहा:
“बिगड़ते पर्यावरण के कारण बारिश का स्वरूप असंतुलित हो गया है। कहीं बहुत कम तो कहीं बहुत अधिक बारिश हो रही है। बादल फटने की घटनाएं बढ़ रही हैं। ऐसे में विकास के साथ-साथ पर्यावरण को भी समान प्राथमिकता देना ज़रूरी है। साथ ही, मौसम केंद्रों का विस्तार और निगरानी तंत्र को मजबूत करना समय की मांग है।”
अगस्त में रिकॉर्डतोड़ बारिश के कारण राज्य के कई पहाड़ी गांवों में भूस्खलन और भूधंसाव जैसी घटनाएं बढ़ी हैं, जिससे जन-धन का नुकसान भी हुआ है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह एक चेतावनी है, जिसे अनदेखा करना भविष्य के लिए भारी पड़ सकता है।