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दुःख: नहीं रहे भारत के पूर्व क्रिकेटर बिशन सिंह बेदी, बेहतरीन स्पिनरों की लिस्ट में थे शुमार।

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नई दिल्ली – पूर्व क्रिकेटर बिशन सिंह बेदी का निधन हो गया है। वो 77 साल के थे। बेदी ने भारत के लिए कुल 77 क्रिकेट मैच खेले थे। ग्रेट स्पिनर ने 273 विकेट झटके थे। बेदी को भारतीय टेस्ट इतिहास के बेहतरीन स्पिनर में एक माना जाता है। उन्होंने अपने दम पर भारत को कई मैच जिताए थे। भारत के पूर्व क्रिकेटर बिशन सिंह बेदी 77 साल के थे। उन्होंने क्रिकेट जगत में भ्रष्टाचार के खिलाफ बुलंद आवाज उठाई।

बेदी ने कई पूर्व क्रिकेटरों के साथ एकजुट होकर दिल्ली क्रिकेट संघ और जिला क्रिकेट संघ में भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए। उन्हें कीर्ति आजाद, मनिंदर सिंह, सुरिंदर खन्ना, गुरचरण सिंह जैसे क्रिकेटरों का साथ भी मिला। बेदी ने डीडीसीए में वित्तीय अनियमितता और भाई भतीजावाद और राजनेताओं के वर्चस्व के आरोप लगाए। उनका कहना था कि क्रिकेट खिलाड़ियों के चयन में पक्षपात किया जाता है, लिहाजा दिल्ली क्रिकेट की लगाम पेशेवरों के हाथों में सौंपी जाए।

बेदी ने भारत के लिए कुल 77 क्रिकेट मैच खेले थे। ग्रेट स्पिनर ने 273 विकेट झटके थे। बेदी को भारतीय टेस्ट इतिहास के बेहतरीन स्पिनर में एक माना जाता है। उन्होंने अपने दम पर भारत को कई मैच जिताए थे। भारत के पूर्व क्रिकेटर बिशन सिंह बेदी 77 साल के थे।

स्पिनर चौकड़ी का थे हिस्सा
बिशन सिंह बेदी ने भारत के लिए 1966 से 1979 तक काफी टेस्ट क्रिकेट खेला था। वो भारत की मशहूर स्पिन चौकड़ी का हिस्सा माने जाते थे, जिसने टेस्ट क्रिकेट में भारत का लोहा मनवाया. इरापल्ली प्रसन्ना, श्रीनिवास वेंकटराघवन और चंद्रशेखर इस चौकड़ी में अन्य स्पिनर थे। इन चार स्पिनर्स ने कुल मिलाकर 231 टेस्ट खेले और 853 विकेट हासिल कर भारत का परचम लहराया।

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बेस्ट
बिशन सिंह बेदी ने 1969–70 में कोलकाता टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपने सर्वोत्तम प्रदर्शन किया था। बेदी ने तबएक पारी में 98 रन देकर 7 विकेट लिए थे। वहीं पूरे मैच की बात की जाए तो 1977–78 में पर्थ टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 194 रन देकर कुल 10 विकेट बिशन सिंह बेदी ने झटके थे। उन्होंने टेस्ट में एकमात्र अर्धशतक 1976 में कानपुर टेस्ट में न्यूजीलैंड के खिलाफ लगाया था।

बिशन सिंह बेदी को तेजतर्रार क्रिकेट प्रशासक भी माना जाता था। उन्होंने दिल्ली क्रिकेट एसोसिएशन में कथित भ्रष्टाचार के खिलाफ कई बार खुलकर आवाज उठाई। उन्होंने कई नामी हस्तियों को इसके लपेटे में लिया। डीडीसीए में उनकी मांगों को न माने जाने पर बेदी ने उनकी सदस्यता से इस्तीफा भी दे दिया था।

घरेलू क्रिकेट में बेदी ने पंजाब के लिए क्रिकेट खेला और तब वो महज 15 साल के थे। 17 साल की उम्र में वो दिल्ली के लिए रणजी क्रिकेट खेलने लगे। बेदी ने 1974–75 सत्र में रणजी ट्राफी के लिए रिकार्ड 64 विकेट लिए थे। बेदी ने कई साल तक इंग्लिश क्रिकेट काउंटी में नार्थंपटनशायर का प्रतिनिधित्व किया। उनके नाम पर प्रथम श्रेणी से अंतरराष्ट्रीय स्तर तक 1560 विकेट दर्ज हैं।

 

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