Uttarakhand
दिवाली से पहले दिल्ली के बाद उत्तराखंड की आबोहवा खराब, देहरादून समेत 2 जिलों में बढ़ा प्रदूषण स्तर
दिवाली से पहले उत्तराखंड में प्रदूषण स्तर बढ़ गया है। देहरादून और ऊधमसिंहनगर में इन दिनों प्रदूषण का स्तर बढ़ गया है। दीपावली से करीब नौ दिन पहले ही एक्यूआई 160 के पार जा पहुंचा है, जो मध्यम श्रेणी में आता है।
यह स्थिति सांस व दिल के मरीजों के लिए अच्छी नहीं है। मंगलवार को दून का एक्यूआई 169 और यूएसनगर में 164 दर्ज किया गया। बीते वर्षों में इन्हीं दिनों एक्यूआई 110 से 120 तक रहा। प्रदूषण बढ़ने के पीछे पोस्ट मानसून बारिश नहीं होने के साथ निर्माण कार्य और वाहनों का धुआं भी कारण बताया जा रहा है।
उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूकेपीबीसी) दीपावली के मद्देनजर वायु-ध्वनि प्रदूषण की विशेष निगरानी करेगा। बोर्ड के सदस्य सचिव डॉ. पराग मधुकर धकाते की ओर से सभी क्षेत्रीय अफसरों को इस बाबत पत्र जारी किया गया है। 24 अक्तूबर से सात नवंबर तक 15 दिन वायु-ध्वनि गुणवत्ता जांची जाएगी। देहरादून, हल्द्वानी, नैनीताल, ऋषिकेश, रुड़की, हरिद्वार, काशीपुर, रुद्रपुर, टिहरी में प्रदूषण की जांच होगी।
उधर, बोर्ड की वेबसाइट पर आठ दिन बाद वायु प्रदूषण का डाटा अपडेट किया गया है। इससे पूर्व, 13 अक्तूबर का देहरादून में प्रदूषण का डाटा अपडेट किया गया था। प्रदेशभर का मासिक डाटा अभी अगस्त तक का ही अपलोड है। इस संबंध में बताया गया कि बीते दिनों हुए साइबर अटैक और क्षेत्रीय दफ्तरों से जानकारी नहीं मिलने से डाटा अपडेट करने में दिक्कत आ रही है।
सांस व दिल के मरीजों के लिए गंभीर स्थिति
एसडीसी फाउंडेशन के संस्थापक अनूप नौटियाल के मुताबिक, पीएम-2.5 एवं पीएम-10 जैसे छोटे प्रदूषक कण लंबे समय तक हवा में रहते हैं, जो गैस, तेल, वाहन उत्सर्जन, औद्योगिक प्रक्रिया, निर्माण गतिविधि, जीवाश्म ईंधन और सड़क की धूल से आते हैं।
उधर, दमा एवं सांस रोग विशेषज्ञ डॉ. अनुराग अग्रवाल ने बताया कि प्रदूषण के इस स्तर से लोगों, खासकर सांस के मरीजों को तकलीफ हो सकती है। अस्थमा, क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज, श्वसन संक्रमण और हृदय रोग जैसी बीमारियां पैदा कर सकते हैं।